भगवान शिव याकिनन भगवान ब्रह्मासे ज्यादा ताकदवर हे, एकबार क्रोधीत हुये भगवान शिवने ब्रह्माजी का पांचवा सर काट दिया था. पर अगर हम बनाये हुये अस्त्रो कि बात करे तो भगवान ब्रह्मा का बनाया “ब्रह्मांड अस्त्र” भगवान शिव के पाशुपतास्त्र से ज्यादा ताकदवर हे.
अध्यात्मिक विद्वानों में ये चर्चाये अकसर होती रहती हे की, ब्रह्मदंड ज्यादा शक्तिशाली हे या पाशुपतास्त्र. एकबार ऋषि वशिष्ट और ऋषि विश्वामित्र के युद्ध होता हे. इस युद्ध के दौरान ऋषि विश्वामित्र ब्रम्हास् का उपयोग करते हे तो अपने बचाव के लिए ऋषि वशिष्ट ब्रम्हादंड का उपयोग करते हे तब वशिष्ट द्वारा छोड़ा ब्रम्हादंड ब्रम्हास्र को निगल लेता हे. ब्रह्मदंड विश्वामित्र द्वारा बादमे छोड़े सभी अस्त्रों को भी निगल लेता हे. (कुछ कथाओ के अनुसार ऋषि वशिष्ठ के खिलाफ ऋषि विश्वामित्र ने पाशुपतास्त्र का उपयोग भी किया था जिसे ब्रह्मदंड ने निगल लिया). विश्वामित्र उन गिने-चुने लोगोमेसे थे जिन्हें पाशुपतास्त्र अवगत था.
पाशुपतास्त्र के साथ साथ कुछ लोग ये भी मानते हे की नारायण अस्त्र सबसे शक्तिशाली अस्त्र हे. पर वशिष्ठ और विश्वामित्र के युद्ध में विश्वामित्र ने नारायणअस्त्र का भी प्रयोग किया था जिसे भी ब्रह्मदंड ने निगल लिया था.