सबसे पहले तो यह बता दे कि आपका सवाल परमात्मा शिव के लिए है या शंकर देवता के लिए । देखिये दुनिया में लोगो को पता ही नहीं है कि शिव और शंकर दोनों अलग है जानिए कैसे !!
परमात्मा शिव जो है इस सृष्टि के बीज रूप है जो ज्योतिबिंदु स्वरुप है और हम सब आत्माओ के पिता है वो पूरी दुनिया के रचता है और वो स्वयं भू है वो हम सब के माता पिता , टीचर , गुरु और सद्गुरु है परन्तु उनका कोई माता पिता , टीचर , गुरु , सद्गुरु नहीं है
उन्होंने सृष्टि की रचना के लिए ब्रह्मा को जन्म दिया , पालना के लिए विष्णु को और विनाश के लिए शंकर को जन्म दिया । इन तीनो को देवता कहते है और इन तीनो के गुरु ,सद्गुरु परमात्मा शिव है ।
ब्रह्मा जी को आपने तपस्या करते देखा है वो शिव का ध्यान कर रहे है ।।। विष्णु भी क्षीर सागर में उनके लिए ध्यान मग्न है और शंकर को ध्यान करते देखा है उनके आगे शिवलिंग रखा रहता जो ज्योतिबिंदु शिव का प्रतीक है ।
शिव लिंग में जो आप तीन आडी रेखा देखते है वो ब्रह्मा विष्णु शंकर का प्रतीक है और तिलक बीच में शिव को दर्शाता है