भगवान कृष्ण का ध्यान आकर्षित करने के लिए मुझे क्या करना चाहिए?

भगवान कृष्ण का ध्यान आकर्षित करने के लिए नहीं अपितु उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए हमें उनकी शरण में जाना चाहिए । जैसा कि भगवान ने गीता में कहा है:

सर्वधर्मान्परित्यज्य मामेकं शरण व्रज ।

अंह त्वा सर्वपापेभ्यो मोक्षयिष्यामि मा शुच:।। (श्रीमद्भगवद्गीता/18/66)

सम्पूर्ण धर्मों अर्थात सम्पूर्ण कर्तव्य कर्मों को त्याग कर तू केवल मेरी शरण में आ जा । मैं तुझे सम्पूर्ण पापों से मुक्त कर दूंगा ।

जब व्यक्ति संसार के सभी प्राणियों व वस्तुओं का सहारा छोड़ एकमात्र भगवान का सहारा लेता है तो भगवान स्वयम् उसकी रक्षा करते हैंं । द्रोपदी के चीर हरण के समय उसने अपनी रक्षा के लिए राजसभा में बैठे विद्वान व ज्ञानी पुरुषों की ओर देखा, अपने प्रतापी व महावीर पांच पतियों की ओर देखा और अपने तनबल से भी रक्षा का प्रयास किया पर कोई परिणाम नहीं निकला । अंत में जब उसने नश्वर संसार का सहारा छोड़ “हरि” को पुकारा तो दो आखरं पूरे नहीं हुवे कि शरणागतवत्सल दौड़े चले आये शरणागत की रक्षा करने । जब वह अपने दोनों हाथ ऊपर कर, सब कुछ प्रभु के सहारे छोड़ उनका स्मरण करने लगी तो सैकड़ों हाथियों का बल भी गस खाकर गिर गया ।

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