अद्भुत: भगवान श्रीकृष्ण द्वारा 5००० सालों पहले की गयी भविष्यवाणी!! जो आज सच साबित हो रही है!!

भगवान श्रीकृष्ण की कलियुग के लिए भगवद गीता की भविष्यवाणी:-

जो लोग अच्छी तरह से भगवद गीता पढ़ चुके है, उन्हें पता है कि इस पवित्र पांडुलिपि के अंतिम खंड में वर्तमान युग कलयुग के लिए भविष्यवाणी की हैl हालांकि, इन भविष्यवाणियों को भगवान श्रीकृष्ण द्वारा 5000 साल पहले किए गया था, और ये भविष्यवाणी आज के लिए इतनी सटीक है कि आप इसे इनकार भी नहीं कर सकते।

1.) कलियुग में, अकेले धन की ताकत चलेगी और उसी से एक आदमी के अच्छे जन्म, उचित व्यवहार, और अच्छे गुणों की निशानी का पता चलेगा और वैसा ही मान लिया जाएगा। कानून और न्याय केवल एक शक्ति (पैसा और पावर) के आधार पर लागू किया जाएगा। पुरुष और महिला सिर्फ आकर्षण मात्र के कारण एक साथ रहेंगेl कुछ लोग इतने पागल हो जायेंगे की कोई भी इंसान अगर लाल धागा पहने हुएऔर माथे पर तिलक लगाए हुए दिखाई दिया तोह उसको ब्राह्मण के रूप में मान लिया जाएगा, चाहे वह अन्य धर्म का ही क्यों न हो।

2.) पृथ्वी पर बस भ्रष्ट लोगों की आबादी बढ़ेगी और जो लोग खुद को मजबूत (गुंडागर्दी ) दिखाएंगे उन्हें राजनीति ताकत का भी लाभ मिलेगा। (और यह आप आज बहुत अच्छी तरह से परिचित होंगे की भारतीय समाज और भारतीय पॉलिटिक्स में आज 6०% से अधिक लोग हैं जो भ्रष्ट हैं या  जिन पर आपराधिक हत्या, लूटपाट और अन्य मामले चल रहें हैं )

3.) मनुष्य कलियुग में अकाल, सूखा से परेशान रहेगे, लोगों को खाने के लिए पत्ते, जड़, मांस , जंगली शहद , फल, फूल, और बीज का सहारा होगा। सूखे से मारा मनुष्य पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगा।  (जैसा की हम आज देख रहें हैं भारत के कई राज्य सूखे से बुरी तरह प्रभावित हो चुके हैं।)

4.) कलियुग में मनुष्य के लिए जीवन की अधिकतम अवधि 50 (अपनी बुरी आदतों के कारण) वर्ष तक होगी l कलियुग में मनुष्य अपने बुजुर्ग माता पिता की सेवा नहीं करेगा। (आपने अक्सर देखा होगा आजकल शादी हो जाने के बाद ही लड़के या लड़की मान बाप की सेवा करने की बजाये, अपने स्वार्थ के कारण उनसे अलग रहने की कोशिश करते हैं या अलग हो जाते हैं, अगर ऐसा नहीं होता तोह आज भारत के हर बड़े शहरों में वृद्धा आश्रम खुलने की जरुरत भी नहीं होती।)

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5.) मनुष्य को ठंड, हवा, गर्मी, बारिश और बर्फ से बहुत नुकसान भुगतना होगा। लोग अपने झगड़े, भूख, प्यास , बीमारी और गंभीर चिंता से परेशान हो जाएगे। (आज इंसान इतना अपने दुख से दुखी नहीं है जितना की दूसरे के सुख से दुखी है )

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