घर की हवा को शुद्ध करने का सरल तरीका

ईशा का प्रोजेक्ट ग्रीन हैंड्स, आपके घर की वायु को शुद्ध करने के लिए बहुत सादे और सरल उपाय प्रस्तुत कर रहा है – आप इसके लिए बताए जा रहे पौधों का इस्तेमाल कर सकते हैंः

अगर स्वस्थ जीवन की जरुरी चीजें ही विलासिता की चीज बन जाएं, तो ये संसार कैसा होगा? अगर केवल एक छोटी सी जनसंख्या ही अपने लिए शुद्ध जल, शुद्ध वायु तथा खाने योग्य शुद्ध आहार का प्रबंध कर सके तो कैसा हाल होगा?
आँकड़े दर्शाते हैं कि विकासशील देशों में बाहर से कहीं अधिक घर के भीतर वायु प्रदूषण पाया गया है। इसके दुष्प्रभाव से हर साल दो लाख मौतें असमय हो जाती हैं, जिनमें से 44 प्रतिशत निमोनिया, 54 प्रतिशत सीओपीडी (क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज) से तथा 2 प्रतिशत फेफड़ों के कैंसर से होती हैं। बच्चे और स्त्रियाँ सबसे अधिक प्रभावित होते हैं क्योंकि उनका अधिकतर समय घर में ही बीतता है। बच्चों को वायुप्रदूषण जनित रोगों से घिरा देखना बहुत बुरा लगता है। इससे उनकी शिक्षा और उनके विकास के अलावा भी कई तरह से उनका बचपन प्रभावित होता है।
इन परिस्थितियों के बावजूद, इस नुकसान की भरपाई का एक आसान तरीका भी हो सकता हैं। कमल मित्तल ने दिल्ली आईआईटी, ऊर्जा व संसाधन संस्थान तथा नासा से मिले शोधों के अनुसार पता लगाया है कि तीन ऐसे सामान्य पौधे हैं जो हमें स्वस्थ रखने के लिए ताज़ी हवा देते हैं जैसे ऐरेका पाम, मदर-इन-लॉ टंग, मनी प्लांट।

ऐरेका पाम

प्रति व्यक्ति चार पौधों की आवश्यकता होगी।
पौधों की देख-रेख: ऐरेका पाम के लिए आपको दक्षिण या पश्चिम की खिड़की से आने वाली अप्रत्यक्ष सूर्य की रौशनी की जरूरत होती है। सूर्य की रौशनी सीधे मिलने पर इसके पत्ते थोड़े पीले पड़ जाते हैं। नम मिट्टी का प्रयोग करें और सतह के थोड़े नीचे मिट्टी के सूखते ही पौधे को पानी दें। इस पौधे को ज़्यादा पानी देने से नुकसान हो सकता है।

मदर-इन-लॉ टंग
प्रति व्यक्ति पौधे – 6 से 8, पौधे की ऊँचाई कमर की जितनी होनी चाहिए।
पौधों की देख-रेख: विभिन्न तापमानों के अनुकूल है। इसे सूर्य की अप्रत्यक्ष रोशनी में रखें और ज़्यादा पानी न दें।

मनी प्लांट
पौधे की देख-रेख – इसे थोड़ी-बहुत आर्द्रता या नमी वाले वातावरण में रखें। ज़्यादा पानी नहीं देना पड़ता। इसकी देख-भाल भी बहुत आसान है।
मनी प्लांट वायु में से फार्मेल्डीहाइड तथा दूसरे हानिकारक रसायनों को निकाल देता है। इसे दिल्ली में एक भवन में रखा गया और आश्चर्यजनक नतीजे सामने आए। दूसरे भवनों की तुलना में, उस भवन में जिसमें मनी प्लांट लगाया गया था, निवासियों को आँखों की जलन में 52 प्रतिशत तक, श्वास की खराबी में 34 प्रतिशत तक, सिरदर्द में 24 प्रतिशत तक तथा फेफड़ों के रोगों में 12 प्रतिशत व दमा में 9 प्रतिशत तक की कमी महसूस की गई।

हम अब क्या कर सकते हैं?
अगर आप पहली बार पौधे लगाने जा रहे हैं तो पहले सबमें से एक-एक पौधे से आरंभ करें और फिर धीरे-धीरे उनकी संख्या प्रति व्यक्ति के हिसाब से बढ़ाएं। जब पौधा बड़ा हो जाए (इसमें कई साल लगेंगे) तो उसे ज़मीन में लगा दें और तब तक उसकी देख-रेख करें, जब तक वह आत्मनिर्भर न हो जाए। इस तरह हम अपने निजी लक्ष्यों व पर्यावरणीय लक्ष्यों के बीच सामंजस्य बैठा सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *