कभी असफल नहीं होंगे आप, गांठ बांध लें आचार्य चाणक्य की यह बात

चाणक्य के वचन

राजनीति और अर्थशास्त्र में महानतम ज्ञान रखने वाले आचार्य चाणक्य जैसा कोई दूसरा विद्वान नहीं हुआ भारतीय इतिहास में। 1400 वर्ष पूर्व अपनी समझदारी और तेज दिमाग से आचार्य चाणक्य ने जिन सूत्रों को जन्म दिया था वे आज हमारे समक्ष चाणय नीतियों के रूप में मौजूद हैं और यहीं से हमें सफल जीवन जीने का ज्ञान हासिल होता है।

 

यह सत्य है कि चाणक्य द्वारा दिए गए यह सूत्र कठिन हैं, इन्हें जीवन पर अमल कर सकना आज के आधुनिक जमाने में नामुमकिन-सा है किंतु यही हमारे लिए सफल जीवन का मार्ग भी बन सकते हैं।

आज हम इन्हीं सूत्रों के भंडार से एक ऐसी चाणक्य नीति आपके लिए लाए हैं जिसे यदि आप कोई भी कार्य करते समय इस्तेमाल करेंगे तो कभी उसमें असफल नहीं होंगे।

 

आचार्य चाणक्य कहते हैं, “कार्यान्तरे दीर्घसूत्रिता न कर्त्तव्या” अर्थात् जो राजा कार्य को लंबा खींचता है और आलस्य के वशीभूत होकर उसे टालता रहता है उसका कार्य कभी पूरा नहीं होता।

एक सामान्य राजा को शक्तिशाली बनाने के लिए आचार्य चाणक्य ने यह वचन फर्माया था। लेकिन यह किसी भी शासक या फिर किसी साधारण मनुष्य पर भी लागू होता है।

यदि हम आपने कार्य को एक निश्चित समय में एवं पूर्ण लग्न के साथ करेंगे तो हम उसमें यकीनन सफल होंगे। इसके अलावा आलस्य जो कि हमारा ही दुश्मन है यदि उसे खुद पर हावी नहीं होने देंगे तो हमें जीवन में सफल होने से हमारी किस्मत भी नहीं रोक सकती है।

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