अगर आपको भी है सुंदर पत्नी की चाहत, तो जानें आचार्य चाणक्य क्या कहते हैं इस बारे में

समाज के प्रति और अपने अपनों के प्रति महिलाओं के क्या कर्तव्य होने चाहिए और उन्हें किन नियमों के बंधन में रहना चाहिए इस बारे में तो हर कोई बात करता है, लेकिन पुरुषों के बारे में क्या ख्याल है? एक पुरुष की जिम्मेदारियां, समाज में उसका स्थान और अपनों के प्रति उसके कर्तव्यों की बात कोई नहीं करता।

किंतु महान नीतिशास्त्र आचार्य चाणक्य ने पुरुषों के कर्तव्यों और उनके वैवाहिक जीवन से जुड़ी कुछ ऐसी बातों का वर्णन अपने ग्रंथ में किया है, जिसे पढ़कर आप हैरान रह जाएंगे।

कैसी पत्नी चाहिए?

इसमें कोई दो राय नहीं है कि इस आकर्षण से भरे समाज में हर कोई संदर वस्तु को पाने की कामना करता है। इस समाज ने स्त्री को भी एक सुंदर वस्तु मात्र ही बना दिया है, इसलिए हर पुरुष एक सुंदर स्त्री से ही विवाह करना चाहता है।

सुन्दर पत्नी की चाहत

बेशक वह स्वयं दिखने में बुरा हो, खुद आकर्षक ना हो, लेकिन फिर भी विवाह के लिए उसे सुंदर या फिर कम से कम खुद से अधिक सुंदर स्त्री चाहिए। ताकि वह समाज के सामने सुंदर पत्नी पाने का रौब दिखा सके।

आकर्षण प्रेमी समाज

परंतु क्या एक पत्नी अपने पति के लिए केवल घमंड दिखा सकने का खिलौना है? क्या इसके अलावा उसका कोई दूसरा अस्तित्व नहीं? पुरुषों की इसी सोच से पर्दा उठाती हैं चाणक्य नीति की कुछ बातें जो हम यहां बताने जा रहे हैं।

क्या कहते हैं चाणक्य

दरअसल चाणक्य का मानना है कि स्त्री के सुंदर होने या ना होने से फर्क नहीं पड़ता, यदि किसी बात से फर्क पड़ना चाहिए तो वह है स्त्री का स्वभाव, उसका आचरण। यदि वह साफ-सुथरा नहीं है तो उसकी शारीरिक सुंदरता मिट्टी मात्र है।

सुन्दर लेकिन चरित्र से बुरी पत्नी

चाणक्य के अनुसार सुंदर स्त्री यदि स्वभाव से कुरूप निकली तो वह परिवार की खुशियों को तहस-नहस कर देती है। लेकिन वहीं अगर स्त्री सुंदर नहीं भी है, लेकिन अगर वह परिवार का सम्मान करती है, उनके खुशियों का ख्याल रखती है, तो वही है एक गुणी पत्नी।

चाणक्य नीति

आचार्य चाणक्य ने ‘चाणक्य नीति’ में कुल 5 ऐसी सच्चाईयों का वर्णन किया है जो यदि हर पुरुष जान ले, समझ ले तो उसके सिर पर सवार सुंदर स्त्री का भूत उतर जाएगा। जानिए क्या कहते हैं आचार्य चाणक्य……

पहली बात

सबसे पहले खुद को देखें शीशे में – यदि किसी पुरुष को लगता है कि उसकी पत्नी सुंदर नहीं है, बदसूरत है तो सबसे पहले वह खुद को शीशे में अवश्य देखे। भले ही शीशे में देखने पर उसे अपनी शारीरिक सुंदरता दिखाई दे दे, किंतु ध्यान से देखने पर जब वह खुद की आंखों में देखेगा तो उसे अपनी नीच सोच का आभास होगा।

तब दिखेगी सच्चाई

सुंदरता चेहरे पर नहीं, बल्कि दिल में होती है, यह हर पुरुष को समझना चाहिए। और कमियां हर किसी में होती है, इस संसार में कोई भी व्यक्ति सर्वगुण सम्पन्न नहीं है यह हर किसी को जानना चाहिए।

दूसरी बात

पत्नी के गुणों को सम्मान दें – चाणक्य का कहना है कि अगर किसी पुरुष को अपनी पत्नी सुंदर नहीं लगती, अपनी पत्नी के प्रति उसके मन में मोह उत्पन्न नहीं होता, तो वह एक काम अवश्य करे। अपनी सोच को पीछे करके वह कुछ दिन के लिए केवल और केवल अपनी पत्नी के स्वभाव पर गौर करे।

गुण-अवगुण परखे

उसके गुण-अवगुण दोनों को परखे, ध्यान पूर्वक उसकी गतिविधियों को जानें, वह अपने पति के परिवार के प्रति कितनी समर्पित है वह जानें। यदि आंकलन करने के पश्चात उसके गुण, अवगुणों पर भारी पड़े तो इससे अच्छी पत्नी नहीं मिल सकती यही सोचने में भलाई है।

तीसरी बात

ऐसी स्त्री को याद करें जिसने कभी आपका अपमान किया हो – चाणक्य का यह मानना है कि व्यक्ति को अपनी योग्यता तभी समझ में आती है जब वह अपमानित किया जाता है। तब वह जानता है कि समाज उसके बारे में क्या सोचता है। लेकिन इस अपमान के बाद यदि वह खुद को उबार ले, तो वह सफल कहलाता है।

पत्नी की अहमियत समझें

एक ऐसे पुरुष को, जिसे अपनी पत्नी सुंदर नहीं लगती, यदि उसे उस अपमान की याद दिलाई जाए, उस स्त्री के बारे में बताया जाए जिसने उसे अपमानित किया था, तब उसे अपनी पत्नी की अहमियत समझ में आती है।

चौथी बात

अपने बुरे वक्त को याद करें – आकर्षण से भरे इस समाज में यदि एक पुरुष को अपनी पत्नी में सुंदरता दिखाई ना दे तो कम से कम उसके स्वभाव की सुंदरता को याद रखें। उस समय को याद करें जब समाज के विरुद्ध खड़ी आपकी पत्नी केवल आपका साथ दे रही थी।

पांचवीं बात

अपने अंदर के इंसान को पहचानें – चाणक्य के अनुसार किसी दूसरे को बुरा-भला कहने से पहले खुद के आचरण की ओर भी ध्यान देना चाहिए। आपने अपनी पत्नी से जो बातें छिपाई हैं, उसे दिए हुए धोखे को याद कीजिए। उसके बाद भी यदि आपकी पत्नी आपको हमेशा समर्थन देती है, तो आप वाकई एक भाग्यशाली पति हैं।

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