ऑफिस में अपने प्रतिद्वंदियों को धूल चटाने के लिए जरूर आजमाएं ये उपाय /चाणक्य नीति

मनुष्य का जीवन दो भागों में बंटा होता है, एक भाग है उसका निजी जीवन और दूसरा भाग है उसका व्यवसायिक जीवन यानि की प्रोफेशनल लाइफ। दोनों में से एक भी भाग में अगर खलबली मचती है या वह स्थिर नहीं होता तो इसका सीधा खामियाजा मनुष्य के संपूर्ण व्यक्तित्व पर पड़ता है।

कहा भी जाता है और शायद आपने देखा भी होगा कि दोनों भागों में से अगर निजी जीवन से जुड़ा भाग उथल-पुथल भरा रहे तो व्यक्ति अपनी प्रोफेशनल लाइफ पर भी फोकस नहीं कर पाता। लेकिन आजकल के लोगों की प्राथमिकता निजी से खिसक कर प्रोफेशनल पर आ गई है इसलिए जब जॉब या बिजनेस में थोड़ी सी भी समस्या होती है, तो मानसिक तनाव बहुत ज्यादा बढ़ जाता है।

जॉब की बात करें तो आजकल हर कोई दूसरे से आगे निकलना चाहता है, खुद आगे निकल पाने की काबीलियत ना हो तो लोग पॉलिटिक्स का सहारा लेते हैं। ये पॉलिटिक्स अच्छे के लिए नहीं बल्कि अपने प्ररिद्वंदी की जड़े काटने के लिए होती है।

इस बीच जो व्यक्ति ऑफिस पॉलिटिक्स का शिकार बनता है वह समस्याओं में ही उलझ कर रह जाता है। वह ना तो अपने काम पर ध्यान देता है और ना ही अपनी ग्रोथ के विषय में सोच पाता है।

अगर आप भी ऑफिस पॉलिटिक्स का शिकार हैं तो आपके लिए हम लेकर आए हैं चाणक्य नीति के कुछ ऐसे टिप्स जो आपको इस समस्या से उबारने में पूर्ण रूप से सक्षम हैं।

आचार्य चाणक्य के अनुसार व्यक्ति को हर समय ईमानदारी बरतने से भी परहेज करना चाहिए। इस बात का ध्यान अवश्य रखें कि जो सीधा या जो बहुत ईमानदार होता है सबसे पहले उसे ही जड़ से उखाड़ा जाता है।

चाणक्य के अनुसार आपको इस बात का ध्यान अवश्य रखना है कि कब आपको ईमानदारी बरतनी है और कब चालाकी से काम लेना है।

जब भी आप कोई काम करें सबसे पहले अपने आप से तीन सवालों के जवाब लें। आप ये काम क्यों कर रहे हैं, ये काम कितना सफल रहेगा और इस काम के क्या परिणाम होंगे।

अपने काम की प्राथमिकताएं निर्धारित कर लें। जिस काम में आप हाथ डालने जा रहे हैं वे आपके समय देने के लिए लायक है भी या नहीं।

जब आप किसी काम की शुरुआत करते हैं तो कभी ये मत सोचिए कि उसमें आपको सफलता मिलेगी या असफलता, बस काम करने में ईमानदारी बरतें। जो लोग ईमानदारी से काम करते हैं वही सबसे प्रसन्न रहते हैं।

कड़ी मेहनत करने से कभी पीछे ना हटें, इसका शुभ फल आपको एक ना एक दिन अवश्य प्राप्त होगा।

सबसे बड़ी गुरु मंत्र यही है कि ऑफिस में कभी भी किसी के भी साथ अपने सीक्रेट्स ना बांटें। ये आपको जड़ से स्माप्त कर सकते हैं।

अगर आप किसी बुद्धिमान व्यक्ति को अपने साथ जोड़ना चाहते हैं, उसकी नजरों में चढ़ना चाहते हैं तो उसे कभी झूठ ना बोलें।

अपने बॉस की हां में हां मिलाना हर बार जरूरी नहीं होता। आपके बॉस को भी ये पसंद नहीं आएगा। उनके सामने अपने पॉइंट्स जरूर रखें।

दूसरों की गलतियों से सीख लेने की कोशिश करें। आपका जीवन इतना बड़ा भी नहीं है कि गलती करने के बाद ही सीख पाएं।

ऑफिस कलीग्स पर नजर रखने के साथ-साथ अपने आसपास के माहौल का भी विश्लेषण करें।

हार के डर से कोशिश करने से पीछे ना हटें। जीतता वही है जो कोशिश करता है।

जब तक आप प्रतिस्पर्धा में भाग लेने के लिए खड़े नहीं होते, तब तक आप रेस में नहीं माने जा सकते।

सीखने की आदत कभी ना छोड़ें। ये एकमात्र ऐसी चीज हैं जो आपको दूसरों से बेहतर बनाने की क्षमता रखती है।

आचार्य चाणक्य को महान नीतिशास्त्री कहा जाता हैं, निसंदेह उनके ये टिप्स बेकार नहीं जाएंगे। एक बार अवश्य आजमा कर देखिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *