प्रेम के मामले में कभी असफल नहीं होते ये 4 पुरुष / चाणक्य वचन

ब्रेक अप

ब्रेक अप का सिलसिला आजकल बहुत कॉमन हो गया है। आप खुद ही देख लीजिए, आप या आपके फ्रेंड सर्कल में कोई ना कोई तो जरूर ऐसा होगा जिसके एक से ज्यादा ब्रेक अप हुए होंगे।

सात जन्मों की कसम

गर्लफ्रेंड-ब्वॉयफ्रेंड का ब्रेक अप तो चलो फिर भी ठीक है, इसमें कोई कमिटमेंट या समर्पण तो होता नहीं। लेकिन अब तो विवाह जैसे मजबूत रिश्ते भी टूटने लगे हैं। सात जन्मों की कसमें खाने के बाद लोग सात महीने या सात साल भी साथ निभाना मुश्किल समझ रहे हैं।

प्यार

लेकिन ऐसा क्यों? एक पुरानी कहावत है, इंसान प्यार में अंधा हो जाता है, सच और झूठ, सही और गलत जैसी बातों को वह समझ नहीं पाता है। प्यार की गिरफ्त में आकर वह रिश्ते को विवाह में तब्दील तो कर देता है लेकिन उन शर्तों और जरूरतों को भूल जाता है जो विवाह के लिए अत्यंत जरूरी होती हैं।

आचार्य चाणक्य

आचार्य चाणक्य ने ऐसी ही बातों का जिक्र किया था जो रिश्ते को टूतने से बचाती हैं। आचार्य चाणक्य ने ऐसे 4 पुरुषों को जिक्र किया था या पुरुषों की 4 ऐसी खूबियों के बारे में बताया था जिनकी वजह से प्रेम या विवाह जैसे संबंध में वो हमेशा सफल होते हैं।

स्त्री को सम्मान देने वाला

ऐसा पुरुष जो स्त्री को हमेशा सम्मान की नजर से देखता है, प्रेमिका हो या पत्नी, अगर वह उन्हें सम्मान देता है, उनके महत्व को समझता है तो उसका यह रिश्ता कभी नहीं टूट सकता।

पराई स्त्री को स्पर्श ना करना

यह गुण सबसे सर्वोपरी है, जो पुरुष अपनी प्रेमिका या पत्नी के अलावा किसी भी अन्य स्त्री को वासना की नजर से नहीं देखता, किसी भी पराई स्त्री के प्रति आकर्षित नहीं होता वह अपने संबंध को बचाने की हर मुमकिन कोशिश करता है। इस कारण उसका संबंध कभी नहीं टूट सकता।

सुरक्षा का अहसास

जो पति या प्रेमी, अपनी साथी को सुरक्षा का अहसास करवाता है, उन्हें अच्छा माहौल देता है वह कभी भी प्रेम के मामले में हारता नहीं है। ऐसा माना जाता है कि हर स्त्री अपने पति में अपने पिता की छाया देखती है, अगर आप उनके साथ सुरक्षात्मक व्यवहार करते हैं तो वह निश्चिंत होकर आपके साथ रहेगी।

शारीरिक सुख

विवाह संबंधों में शारीरिक सुख और संतुष्टि की जरूरत भी होती है। इसलिए ऐसा पुरुष जो भौतिक और भावनात्मक सुख के साथ-साथ अपनी जीवनसाथी को शारीरिक सुख और संतुष्टि भी प्रदान करता है, उसकी पत्नी उससे हमेशा प्रसन्न रहती है। प्रेमिका या पत्नी को फूल समझकर उसका स्पर्श करने वाले पुरुष हमेशा सफल होते हैं।

4 खूबियां

अगर आपमें ये 4 खूबियां हैं या आप इन 4 श्रेणियों में शुमार हैं तो घबराइए नहीं आप प्रेम के मामले में कभी मात नहीं खाएंगे।

निर्देश

चाणक्य के पुरुषों के लिए कुछ खास निर्देश भी बताए थे, ये निर्देश ऐसे हैं जो उसकी संभोग की प्रवृत्ति से संबंधित है।

स्त्री के प्रति आसक्ति

चाणक्य के अनुसार जो पुरुष स्त्री के प्रति आसक्ति रखता है, जो हर समय संभोग का ख्याल रखता है, उसे कभी भी मोक्ष या मानसिक शांति नहीं मिल सकती। वह ना धर्म का रहता है और ना ही कर्म का।

संभोग

चाणक्य का कहना था कि पुरुष अगर ज्यादा संभोग करता है तो वह बूढ़ा हो जाता है, वहीं अगर किसी स्त्री को उचित समय पर शारीरिक सुख प्राप्त नहीं होता तो उसे भी बुढ़ापा आने लगता है।

नीचे तबके वाली स्त्री

चाणक्य का कहना था कि जो पुरुष अपने से नीचे तबके वाली स्त्री के साथ संबंध बनाता है, वह खुद को नीचा गिरा लेता है। अपनी दासी के साथ संभोग करना स्वयं दास बनने के बराबर है।

पराई स्त्री

चाणक्य के अनुसार जो पुरुष पराई स्त्री के साथ संभोग करता है वह स्वयं अपना और अपने संपूर्ण कुल का नाश करता है।

कमजोरी

चाणक्य के अनुसार पुरुष को अपनी कमजोरी किसी से नहीं कहनी चाहिए। ना अपने सच्चे मित्र से और ना ही अपनी पत्नी से। कौन कब धोखा दे जाए, किसी को ज्ञात नहीं।

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