गुरुदेव, क्या लोगों के ऊपर पत्थर फेंककर उनकी हत्या करना वैध है?

गुरुदेव, क्या लोगों के ऊपर पत्थर फेंककर उनकी हत्या करना वैध है? यदि कुछ लोग इस पर आपत्ति उठाते हैं तो इसे असहिष्णुता कहा जाता है| ये अंतर क्यों?

Sri Sri Ravi Shankar:श्री श्री रविशंकर –

एक बात याद रखिये – जितने लोग हैं, उतने विचार हैं और उतनी ही मान्यताएं हैं| सब सही नहीं हैं, और न ही आप प्रत्येक व्यक्ति की धारणा को बदल सकते हैं| और लोगों को अपनी अज्ञानता प्रदर्शित करने का पूरा अधिकार है!

श्री मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने से पहले इस देश में कितना बड़ा तूफ़ान आ गया था! कितने सारे लोगों ने, यहाँ तक कि महान बुद्धिजीवियों ने भी यह कहा था कि यदि मोदी जी प्रधानमंत्री बन गए तो वे देश छोड़कर चले जायेंगे| ये सभी धारणाएं और समझ अदूरदर्शी हैं| मैं चाहता हूँ कि हमारे बुद्धिजीवियों को थोड़ा सहज बोध (intuition) भी हो| उससे वे ज्यादा प्रसन्न रहेंगे और उनकी बातों में थोड़ी बुद्धि झलकेगी| हमारी आगे आने वाली पीढ़ियों में यह सहज बोध विकसित होना चाहिए, सिर्फ बुद्धिजीवी बकबक नहीं! जहाँ सहज बोध होता है, वहां शब्दों में कुछ वजन होता है|

कुछ लोग प्रश्न कर रहे हैं कि गुरुदेव ने ऐसा क्यों कहा कि US डॉलर का रेट INR 40 हो जायेगा| ऐसा मैंने नहीं कहा था, ऐसा तो उस समय सारे बैंक कह रहे थे| सिटी बैंक ने ऐसी रिपोर्ट दी थी| मैंने कहा था, कि यदि एक वित्तीय विश्लेषक (Financial Analyst) ऐसा कह रहा है, तो यह देश के लिए अच्छा है| हाँ, अब ऐसी चीज़ें रातों-रात तो नहीं होती| लेकिन हम सही दिशा में जा रहे हैं, अभी तो देश को बहुत आगे जाना है| इस देश के बुद्धिजीवियों को राजनीति छोड़कर, आपस में मिलकर कुछ ठोस सुझाव देने चाहिए जिससे देश की स्थिति में सुधार आये|

आज हमें एक भ्रष्टाचार-मुक्त समाज चाहिए, हमें चाहिए कि हर क्षेत्र का विकास हो और समाज के पिछड़े हुए वर्गों को सहायता मिले| ऐसा सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि विश्व के हर हिस्से में होना चाहिए| हाँ, परिस्थिति पहले से काफी बेहतर है, लेकिन अभी और भी बहुत कुछ बाकी है|

आज सीरिया, ईजिप्ट और इराक़ में जो भी कुछ हो रहा है, वह सबके लिए चिंता का विषय है| हमें विश्व के इन भागों में और अधिक सहिष्णुता लाने की आवश्यकता है| वे सब लोग जो भारत देश में असहिष्णुता की बात कर रहे हैं, जो देश को छोड़कर जाना चाहते हैं, उन सबको ऐसे स्थानों में जाना चाहिए| वहां जाकर लोगों से बात करनी चाहिए और वहां सहिष्णुता सिखानी चाहिए! हम वहां उनके रहने और खाने-पीने की व्यवस्था कर देंगे; इन लोगों को वहां जाकर शान्ति, एकता और सहिष्णुता का सन्देश देना चाहिए, जिसकी आज इतनी आवश्यकता है|

झगड़ा पैदा करना बहुत आसान है, उसमें बिलकुल समय नहीं लगता| बल्कि, सिर्फ अनजाने में कहे गए कुछ शब्द आपके स्थाई शत्रु बना सकते हैं| आपकी कोई मंशा भी नहीं है, लेकिन आपने कुछ बकबक कर दिया है, और आपके कई दुश्मन बन जायेंगे| लेकिन मित्र बनाना एक बिलकुल अलग बात है, और आपको मालूम है कि उसके लिए क्या करना है|

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