कामयाबी और नाकामयाबी, स्वास्थ्य और बीमारी, जीवन और मृत्यु से परे, एक दूसरे के प्रति प्रतिबद्ध होना – यही चीज आपको एक परिवार बनाती है।
साहस डर का प्रकट रूप है। आपको साहस की सिर्फ इसलिए जरूरत होती है क्योंकि आपमें डर है।
जब आप अपने खुद के विचारों और भावनाओं को गंभीरता से लेते हैं, तब आप अपने आपको बाकी अस्तित्व से अलग कर लेते हैं।
बच्चे आपकी सुनते नहीं हैं। वे आप पर ध्यान देते हैं।
अगर आप सफल होना चाहते हैं, तो हालातों को ठीक करने से पहले आपको खुद को ठीक करना होगा।
जो चीज सबसे महत्वपूर्ण है, वह आपके भीतर ही है।
अगर कोई आपको इसलिए प्यार करता है कि आप उनके हैं, तो यह प्यार इसलिए है क्योंकि वे आपको अपनी संपत्ति मानते हैं। अगर इस बात के लिए कोई आपसे प्यार करता है, कि आप कौन हैं, तो आप भाग्यशाली हैं।
आप सुख में जितनी ज्यादा गहराई से डूबते हैं, किसी इंसान या चीज़ के प्रति आपका बंधन उतना ही गहरा होता है।
जब तक आप खुद की तकलीफ के प्रति बेपरवाह नहीं होते, आपको दूसरे लोगों की तकलीफ के प्रति बेपरवाह होने का कोई अधिकार नहीं है।
अगर आपका ऊर्जा-शरीर पूरे प्रवाह में है, तो भौतिक-शरीर खुद को सहज ही ठीक कर लेगा।
‘मैं तुम्हें बदलना चाहता हूं’ – यह कोई क्रांति नहीं है। ‘मैं बदलना चाहता हूं’ – यही क्रांति है।
आप अपने बच्चों के लिए जो एक महत्वपूर्ण चीज कर सकते हैं, वह यह कि उन्हें बाहर प्रकृति में ले जाने के लिए कुछ वक्त निकालें।
अधिकतर लोग अहंकार के प्रति संवेदनशील होते हैं, जीवन के प्रति नहीं।
आपके विचार और भावनाएं वो ड्रामा हैं जो आप अपने दिमाग में रचते हैं। आपको इसे कहीं न कहीं खत्म करने के काबिल होना होगा।
एक दूसरे से प्रतिस्पर्धा करने से कहीं ज्यादा शक्तिशाली होता है एक दूसरे को सहयोग करना। यह मत सोचें कि जब आपके उपर खूब दबाव डाला जाएगा, तभी आप अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगे।