15 Quotes / Sadhguru Hindi / Part 11

  • तकनीक के विकास के साथ एक समय ऐसा आएगा, जब हर मनुष्य अपनी बात औरों तक पहुंचा पाएगा। अगर उनकी बात स्पष्ट होगी, तो उन्हें पूरी दुनिया में सुना जाएगा।

  • अपने कार्यकलापों के स्तर पर हम भेदभाव कर सकते हैं। बोध के स्तर पर भेदभाव करने की कोई जरुरत नहीं है।

  • स्वर्ग सिर्फ उन लोगों के लिए आकर्षक है, जिन्होंने खुद को नर्क बना लिया है।

  • योग का संबंध जीवन में सशक्तए व सबल होकर जीने से है, यह सिर्फ सब्जियां खाने, खुद को तोड़ने-मरोड़ने, या अपनी आंखें बंद करना भर नहीं है।

  • जैसे ही आपकी जीवन-प्रक्रिया सचेतन हो जाती है, आनंदमय होना स्वाभाविक है, और आपका मुक्ति की ओर बढ़ना निश्चित है।

  • बच्चों को तो सिर्फ प्रेरणा की जरुरत है। जिन्हें सुधार की जरुरत है, वे शिक्षक हैं।

  • अहंकार जैसी कोई चीज नहीं होती। सिर्फ आप ही होते हैं – कभी खुश, कभी नाखुश, कभी सुंदर, कभी डरावने।

  • अगर आप सचमुच ध्यानमय हो जाएं, तो आप कर्मों से परे चले जाएंगे।

  • चूंकि अंधकार का अस्तित्वज है, इसीलिए प्रकाश के होने की संभावना है।

  • आज दिन है वसंत विषुव का – रात और दिन बराबर होते हैं। आज के दिन हमारे अंदर पुरुष और स्त्री प्रकृति संतुलन में होते हैं, इसलिए शरीर से अपनी पहचान के परे जाने का यह एक अच्छा दिन है।

  • जैसे ही आप किसी नतीजे पर पहुंच जाते हैं, आप अनुभव नहीं कर पाते।

  • अधिकतर लोग वहीं गुस्सा करते हैं, जहां इसके बड़े परिणाम नहीं होते। यह तो चालाकी है।

  • समाज को मानव चेतना की प्रकृति को तय नहीं करना चाहिए। मानव चेतना को समाज की प्रकृति तय करनी चाहिए।

  • जब आप इस दुनिया में आते हैं, तब आपमें कुछ और नहीं सिर्फ जीवन होता है। अब यह आपके ऊपर है कि आप इसका क्या करते हैं।

  • आदर्श की धारणा बहुत ही गडमड है। क्या आपने कभी एक आदर्श इंसान देखा है? हरेक इंसान को एक ही सांचे में ढालने की क्या जरूरत है?

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