15 Quotes / Sadhguru Hindi / Part 35

  • जीवन में जो चीज आपको बांधती है, वही आपको आजाद भी कर सकती है। जो दरवाजा आपको कैद करके रखता है, वही मुक्ति का द्वार भी होता है।

  • विचारों से कहीं बहुत ज्यादा विशाल घटना है ये जीवन।

  • इंसान की यह जन्मबजात प्रकृति है कि वह जितना है उससे कुछ और ज्यादा अनुभव करना चाहता है। अगर हम किसी आध्यात्मिक प्रक्रिया को नहीं अपनाते, तो हर जगह नशीले पदार्थ मौजूद होंगे।

  • वसंत की खूबसू‍रती ये है – कि फल अभी आने को बाकी है, पर फूल एक वादे और संभावना की तरह मौजूद होता है।

  • रहस्यमयी अनुभवों को शब्दों में व्यक्त करने का एक ही तरीका है – वो है कविता।

  • जो आध्यात्मिक प्रगति चाहता है, उसे यह सुनिश्चित करना होगा – कि वो कृपा के प्रति ग्रहणशील बनें।

  • स्वर्ग और नरक कोई भौतिक स्थान नहीं हैं। आप खुद अपने भीतर ही उन्हें पैदा करते हैं।

  • रंग, दृश्यों की सुगंध हैं।

    हर काम ऐसे करें, जैसे कि आप यह आखिरी काम कर रहे हों। कुछ रोककर रखने के लिए नहीं है, और न ही बाद के लिए बचाकर रखने के लिए है।

  • याद्दाश्त एक ट्रेडमिल की तरह है, यह आपको काफी सारी कसरत कराती है, लेकिन यह कभी आपको कहीं ले नहीं जाती।

  • सभी किस्म के कर्मों में, तांत्रिक शक्तियों का खुद के फायदे के लिए या दूसरों के नुकसान के लिए इस्तेमाल करना, खुद के लिए सबसे बुरे परिणाम पैदा करने वाला कर्म होता है।

  • आपकी फसल की गुणवत्ता और मात्रा, आपके प्रयत्नों की गुणवत्ता और मात्रा के सीधे अनुपात में होती है।

  • यह युग बिना बोध के अभिव्यक्ति का युग है। जीवन को जानने के लिए आपको बोध की जरूरत होती है।

  • युवा वर्ग को दुनिया में अबाध गति से आगे बढ़ना चाहिए। उनकी जबरदस्त ऊर्जा और क्षमता टकराव में बर्बाद नहीं होनी चाहिए।

  • बाहरी दुनिया की इंजीनियरिंग से आराम और सुविधाएं पैदा हो सकती हैं। सिर्फ अपने भीतर की इंजीनियरिंग से ही खुशहाली पैदा हो सकती है।

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