15 Quotes / Sadhguru Hindi / Part 40

  • आपके भीतर का जीवन दुःखी नहीं हो सकता। दुःख तो मन में पैदा होते हैं।

  • आध्यात्मिक प्रक्रिया के लिए पहली बुनियादी चीज यह है कि आप अपनी सभी पूर्वधारणाएं छोड़ दें।

  • एक बार जब आप अपनी प्राथमिकता को ‘पाना – करना- स्थित होना’ से ‘स्थित होना – करना – पाना’ में बदल देते हैं, तब आपका भाग्य आपके हाथ में आ जाता है।

  • हर किसी के सपने होते हैं, लेकिन कितने लोग इन सपनों को साकार करने के लिए अपनी जिंदगी तक दांव पर लगाने को तैयार होते हैं?

  • आपकी राय आंखों के मोतियाबिंद की तरह है – निश्चित रूप से यह अपने बोध को बढ़ाने का तरीका नहीं है।

  • जीवन का मकसद सिर्फ जीवन है। जीवन के सारे आयामों को अनुभव करने से ही परिपूर्णता का एहसास होता है।

  • अंतत: योग का मतलब अपनी सारी सीमाओं को मिटाना और आज़ादी को जानना है।

  • नेतृत्व करना कोई महत्वाकांक्षा नहीं होनी चाहिए। नेतृत्व योग्यता पर आधारित होना चाहिए।

  • आप जो भी करें, स्टाइल में करें। लेकिन ये जरूरी नहीं कि सब कुछ एक ही स्टाइल में करें।

  • बातचीत समाज की है। शब्द मन के हैं। ध्वनियाँ प्रकृति की हैं। निःशब्दता सृष्टि से परे की है।

  • योगी सुख के खिलाफ नहीं होते। बात बस इतनी है, कि उन्हें अपने भीतर ही सुख से बहुत ज्यादा जबर्दस्त और टिकाऊ चीज़ मिल जाती है।

  • अपने आसपास के जीवन के हर रूप के प्रति थोड़ा प्रेम और थोड़ी समझदारी से हम पर्यावरण को बचा सकते हैं और दुनिया को रूपांतरित कर सकते हैं।

  • आध्यात्मिक मार्ग का सबसे बुनियादी पहलू है – खुद के साथ सौ फीसदी ईमानदार होना।

  • यह मायने नहीं रखता कि आपके पास किस किस्म की बुद्धि है, वह कभी भी अस्तित्व की प्रकृति को समझने के लिए काफी नहीं हो सकती।

  • इस संस्कृति में, आपको न सिर्फ अपना भगवान चुनने की आजादी है, बल्कि उस किस्म का भगवान रचने की भी आजादी है, जिससे आप जुड़ सकें।

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