15 Quotes / Sadhguru Hindi / Part 49

  • रूपांतरण लाने के लिए लड़ाई करने की जरूरत नहीं है। एक फूल जैसी कोमल चीज भी वातावरण में सुगंध ला सकती है।

  • आप चाहे खाने को लेकर मजबूर हों, या किसी काम को लेकर या लोगों को लेकर – इसमें सही या गलत होने का सवाल नहीं है, बल्कि सवाल यह है कि आप बंध रहे हैं या आजाद हो रहे हैं।

  • हो सकता है कि आप अपने जन्म, जीवन, और मृत्यु को बहुत ज्यादा महत्व देते हों, लेकिन धरती माता के लिए यह बस एक रिसाइक्लिंग की प्रक्रिया है।

  • स्त्रीात्वि जीवन का सबसे शक्तिशाली आयाम है। स्त्रैण ऊर्जा यानी ‘शक्ति’ के बिना किसी भी चीज़ का अस्तित्व नहीं होगा।

  • हर चीज के प्रति कृतज्ञता होने पर सफलता और विजय आपकी होगी।

  • भक्ति जीवन की चीर-फाड़ करना नहीं है, बल्कि जीवन का पूर्ण आलिंगन करना है।

  • आपको हर किसी से बेहतर होने की जरूरत नहीं है, पर आपको अपनी चरम क्षमता पर होना होगा, आपको अपना उत्तम देना होगा।

  • चिढ़, गुस्सा, घृणा, और आक्रोश एक क्रम में हैं, बढ़ते हुए क्रम में हैं। अगर आप थोड़ी सी भी चिढ़ महसूस करते हैं, तो आपको उस पर काम करने की जरूरत है।

  • विश्वास, लोगों को बेहद बेतुकी चीजों को परम सत्य मान लेने को बाध्य कर देता है।

  • अगर आप इस बात के प्रति जागरूक हो जाते हैं कि आपके जीवन को चलाने के लिए कितने सारे प्राणी अपने जीवन की कुर्बानी दे रहे हैं, तो आप भरपूर कृतज्ञता के साथ भोजन करेंगे।

  • अगर आप आज दुनिया को देखें तो झूठ ही प्रधान हो गया है, और सच गौण हो गया है।

  • आप चाहे जिस भी चीज से गुजर रहे हों, अगर आप उसके प्रति जागरूक हैं और अपनी साधना करते रहते हैं, तो वह खुद-ब-खुद ठीक हो जाएगी।

  • मानव जीवन के फलने-फूलने के लिए, धरती पर मौजूद जीवन के सभी दूसरे रूपों के भी फलने-फूलने की जरूरत है।

  • जीवन के सीमित अनुभव से संतुष्ट मत होइए। जहां सीमा होती है, वहां उसे तोड़ने की संभावना भी होती है।

  • सृष्टि, सृष्टिकर्ता की गोद में है, और सृष्टिकर्ता ही सृष्टि का मूल है।

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