‘मैं नहीं जानता’ यह कोई नकारात्मक चीज नहीं है। हर खोज की शुरूआत यहीं से हुई है।
आदियोगी शिव दुनिया के पहले योगी हैं। वे अकेले योगी हैं। बाकी के हम सब उनके असिस्टेदन्टे व सहायक हैं।
प्रेम शामिल करने की प्रक्रिया है। जैसे ही मैं आपको अपने एक अंश के रूप में शामिल कर लेता हूं, मैं आपके साथ वैसा ही बर्ताव करूंगा, जैसा मैं खुद के साथ करता हूं।
योग परंपरा में, शि-व वो अथाह शून्यता है, जहां से सृष्टि पैदा होती है, और जिसमें ये फिर से समा जाती है।
आप सांत्वना के लिए गुरु के पास नहीं जाते। वह कोई शांत कर देने वाली दवा नहीं है – गुरु तो आपको जगाने के लिए होता है।
आज भी योग का सबसे सरल रूप पांच तत्वों की शुद्धि है, जिसे भूत शुद्धि के नाम से जाना जाता है।
आपके शरीर के हर छोटे से छोटे अणु का पूरे ब्रह्मांड के साथ हरदम लेन-देन हो रहा है। आप सिर्फ विश्वास करते हैं कि आप एक स्वतंत्र इकाई हैं, यह वास्तविकता नहीं है।
पानी कोई ऐसी वस्तु नहीं है, जिसका व्यापार किया जाए – यह जीवनदायी पदार्थ है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि यह हर इंसान को उपलब्ध हो।
जैसे ही आप खुद को अपनी शारीरिक और मानसिक सीमाओं के परे अनुभव करने लगते हैं, फिर डर जैसी कोई चीज नहीं रह जाती।
अगर लोग सफल होते हैं, तो जरुरी नहीं कि उन्होंने कड़ी मेहनत की है। उन्होंने बस सही चीजें की हैं।
आप जहां कहीं भी रहें, अगर आप अपनी साधना करते हैं और अपने सिस्टम को तैयार रखते हैं, तो वक्त आने पर, मैं आपको अगले स्तर पर ले जाऊंगा।
अगर भरोसे के बारे में आपकी सोच यह है कि दूसरों को आपकी उम्मीद के मुताबिक बर्ताव करना चाहिए, तो यह भरोसा नहीं है – यह चालाकी है।
जब आप ध्यानमय होने लगते हैं, तो संगीत सहज ही आपके जीवन का हिस्सा बन जाता है। सब कुछ स्पंदन है – सब कुछ ध्वीनि है।
मनुष्य के रूप में जन्म लेने की खासियत यह है कि आपके अंदर असीमित होने की क्षमता है। अपने ईश्वरत्व को जीना आप पर ही निर्भर करता है।
हमारी खुशहाली और जीवन मूल रूप से सूर्य की ऊर्जा पर निर्भर करता है। इस ऊर्जा को अपने भीतर ग्रहण करने का सबसे अच्छा समय वसंत है। मेरी कामना है कि आप प्रकाशमान व तेजस्वी बनें।