जीवन को सहजता में जीने के लिए बच्चों को एक ऐसे वातावरण की जरूरत होती है जो भीतरी शक्ति को पोषित करे।
जो लोग अपने दिमाग के कचरे को एक किनारे रख देते हैं, सिर्फ वे ही करुणा और प्रेम करने के वाकई काबिल होते हैं।
दुनिया में जीने और काम करने के लिए हो सकता है कि आपको किसी चीज से पहचान जोड़नी पड़े। अपनी पहचानों से खेलिए – उन्हें अपने ऊपर हावी मत होने दीजिए।
आप पर्यावरण का ख्याल रखते हैं, यह कोई मेहरबानी नहीं है – हमारा पर्यावरण ही हमारा जीवन है।
कहावत है कि ‘देखने पर ही विश्वास होता है’। लेकिन हर कोई वही देखता है, जो वो देखना चाहता है।
गुस्सेद में आकर, हम एक अन्याय का जवाब दूसरे अन्याय से देते हैं। जबकि करुणा से अभिभूत होकर हम वो करते हैं, जिसकी जरूरत होती है।
तर्क के माध्यरम से आप इस दुनिया में अपना काम चला सकते हैं। लेकिन अगर आप जीवन के जादू को जानना चाहते हैं, तो आपको तर्क से ऊपर उठना होगा।
आप इस धरती के एक प्राणी हैं इसका मतलब है कि सृष्टिकर्ता के हाथों ने आपको छुआ है। इससे बढ़कर कोई आशीर्वाद नहीं हो सकता।
मैं धन-दौलत के खिलाफ नहीं हूं, मैं सुख-सुविधा के खिलाफ नहीं हूं। मैं प्रवाहहीनता के खिलाफ हूं, क्योंकि अगर आप प्रवाहहीन हो जाते हैं, तो आप सिर्फ आधे जीवित होते हैं।
आप अच्छे दिखना चाहते हैं या अच्छा महसूस करना चाहते हैं? आप अपने भीतर कितना शानदार महसूस करते हैं, यही सबसे महत्वपूर्ण है।
सत्य में होने का मतलब है बस स्वयं में स्थित होना। किसी दूसरे की तरह बनने की कोशिश मत कीजिए।
आपकी चेतना जिस भी चीज़ पर तीव्रता से केंद्रित होती है, वही चीज़ आपके जीवन में और आपके आसपास की दुनिया में प्रकट होगी।
जीवन के सीमित अनुभव से संतुष्ट मत हो जाइए। जहां सीमा होती है, वहां उसे तोड़ने की संभावना भी होती है।
आपका जीवित होना सबसे महानतम घटना है। सिर्फ पृथ्वी पर ही नहीं, बल्कि पूरे ब्रह्माण्ड में।
आप परिवार में रहते हों या बिना परिवार के, आप शहर में रहते हों या जंगल में – आपने अपने लिए जो बाहरी व्यवस्थाएं की है, वे यह तय नहीं करतीं कि आप अपने भीतर कैसे हैं।