अगर हमारे पास पर्याप्त पेड़ होंगे, तो पर्याप्त बारिश होगी और हमारी नदियां बहती रहेंगी।
सृष्टि का स्रोत आपके भीतर है, इसीलिए सारे समाधान भी आपके भीतर ही हैं।
जो लोग प्रेम से वंचित हैं, सिर्फ वे ही कल्पना करते हैं कि ईश्वर प्रेम है। प्रेम एक मानवीय भावना है।
नदियां किन्हीं खास लोगों या संस्थाओं की संपत्ति नहीं हैं – वे इस धरती के सभी जीवों के लिए हैं।
मैं हमेशा नशे में रहता हूं। कोई शराब या मादक पदार्थ नहीं लेता। एक तरीका है जिससे आप अपने भीतर आनन्द पैदा कर सकते हैं।
जब आप अपने कार्यों को उल्लादस और जोश के साथ करते हैं, तभी आप अपनी सीमाओं को तोड़ते हैं। खेलकूद बहुत जोशीला होता है, इसलिए सीमाओं को तोड़ना स्वाभाविक हो जाता है।
जब आप इस दुनिया में आते हैं, तब आपके भीतर जीवन के सिवाय कुछ नहीं होता। आप इससे क्या बनाते हैं, यह आपके ऊपर है।
अगर हम पर्यावरण को बचाने के लिए गंभीर हैं, तो हमें अपनी जनसंख्या वृद्धि को मौजूदा प्राकृतिक संसाधनों के अनुसार व्यवस्थित करना होगा।
कोई दो व्यक्ति कभी एक से नहीं होते। आप लोगों को बराबर नहीं बना सकते। आप सिर्फ बराबर के अवसर पैदा कर सकते हैं।
किसी व्यक्ति या किसी चीज के प्रति आपका कोई कर्तव्य नहीं है। अगर आपमें प्रेम और परवाह है, तो आप वह करेंगे जिसकी जरूरत है।
आध्यात्मिक प्रक्रिया एक खोज है। धर्म का मतलब है कि आप जो चीजें जानते नहीं, उनको बस मान बैठते हैं।
हमारा शरीर मूल रूप से मिट्टी और पानी से बना है। हमारी मिट्टी और पानी की गुणवत्ताी ही हमारे भोजन की, हमारे शरीर की, और हमारे जीवन की गुणवत्ता को तय करती है।
जीवन संयोग से नहीं चलता – हर चीज कारण और प्रभाव के नियम से घटित होती है।
मनुष्य होने का मतलब है कि आप अपने संपर्क में आने वाली हर चीज और हर किसी के लिए पूरी चेतना में अपनी ओर से सबसे उत्तेम करते हैं।
खुद को खुशहाल बनाने की कोशिश में इंसान ने धरती को क्षत-विक्षत कर दिया है, यह जाने बिना कि खुशहाली पाने का एकमात्र तरीका है अपने भीतर गहराई में खोजना।