जब आप दूसरे से यह उम्मीद करना छोड़ देते हैं कि उसे क्या करना चाहिए, तभी आपका प्रेम संबंध कामयाब होता है।
आपको अपना जीवन शक्तिशाली रूप से जीना चाहिए। शक्तिशाली इस मायने में नहीं कि आप किसी चीज या किसी इंसान पर कितने हावी हो सकते हैं, बल्कि आपको अपने अंदर शक्तिशाली होना चाहिए।
मैं लोगों को अलग-अलग इंसान के रूप में नहीं देखता। मैं चीजों को भी अलग-अलग नहीं देखता। मैं हर जगह एक ही चैतन्यप को देखता हूं।
अपनी इच्छाओं को पूरा करने की भागदौड़ के बजाय, अगर आप अपनी क्षमताओं को बढ़ा लेते हैं, तो आप बड़े आराम से और शालीनतापूूूूर्वक इस जीवन से गुजरेंगे और जीवन में बहुत अच्छा करेंगे।
कोई भी काम तनावपूर्ण नहीं होता। अपने शरीर, मन, और भावनाओं को संभालने की आपकी अयोग्यता ही काम को तनावपूर्ण बनाती है।
अगर आप चाहते हैं कि देश आगे बढ़े, तो राजनेताओं को अपना ध्यान व्यनक्तिगत महत्वाकांक्षा से हटाकर एक विशाल दृष्टि पर लगाना होगा।
आध्यात्मिक प्रक्रिया कोई फिलॉसोफी नहीं है – यह अपने जीवन को सम्पूर्णता में जीने की एक विधि है।
जो दीवारें आप अपनी आत्मरक्षा के लिए बनाते हैं, वे खुद को कैद करने की दीवारें भी बन जाती हैं।
अगर आप सफल होना चाहते हैं, तो हालातों को ठीक करने से पहले आपको खुद को ठीक करना होगा।
आपके बच्चेा की ठीक तरह से परवरिश हो, इसके लिए आपको सुपर स्माठर्ट होना जरूरी नहीं है। उनके साथ आपको बस प्रेममय, आनंदित और स्पआष्ट् रहना है।
ऐसी कोई जगह नहीं है, जहां कृपा न हो।
मैं आपके सवालों के जवाब देने की कोशिश नहीं कर रहा हूं। मैं चाहता हूं कि आप अपने सवालों को इतना गहरा बनाएं कि सत्य आपके जीवन में एकमात्र सत्ता बन जाए।
मिस्टिसिज़म (रहस्यबवाद) पूर्व से नहीं आया है। यह तो अंदर से आता है।
एकमात्र असली दौलत जो आप जीवन और मृत्यु से भी आगे ले जा सकते हैं, वह है अनुभव की गहराई।
दुनिया में जो टकराव है, वो अच्छे और बुरे के बीच नहीं है। यह एक इंसान के विश्वास और दूसरे इंसान के विश्वास के बीच है।