अगर आप अपने शरीर, मन और भावनाओं में सही किस्म का माहौल बनाना सीख जाते हैं, तो आपको अपनी सेहत, सुख और आनंद की चिंता नहीं करनी है।
सभी एक हैं – इस बात के प्रति निरंतर जागरूक रहना, और साथ ही हर व्यक्ति के अनोखेपन की सराहना करना ही आध्यात्मिकता का सार है।
अगर कोई आपको इसलिए प्यार करता है कि आप उनके हैं, तो यह प्यार इसलिए है क्योंकि वे आपको अपनी संपत्ति मानते हैं। अगर इस बात के लिए कोई आपसे प्यार करता है, कि आप कौन हैं, तो आप भाग्यशाली हैं।
योग का मतलब है मिलन। योग की अवस्था में होने का मतलब है कि आप अपने भीतर संपूर्ण हैं।
बाहरी हालात आपको सिर्फ शारीरिक कष्ट दे सकते हैं। पीड़ा तो आप अपने मन में पैदा करते हैं।
विवाह अच्छीै तालमेल, साथ रहने, या खुशी निचोड़ने के बारे में नहीं है। यह इस कदर जुड़ने का एक अवसर होता है, जो एक बड़ी संभावना का द्वार खोल देता है।
जब भी आप चैतन्य को स्पर्श करने के लिए एक अनुकूल माहौल बनाना चाहते हैं, तेल का एक दीया जलाइए। अग्नि आकाश तत्व तक आपकी पहुंच बनाती है।
हर कीट, हर कीड़ा, हर जानवर धरती के पर्यावरण की भलाई के लिए काम कर रहा है। सिर्फ हम इंसान ही हैं, जो ऐसा नहीं कर रहे हैं, जबकि हम सबसे बुद्धिमान प्रजाति होने का दावा करते हैं।
अपने रवैये को बदलना दिखावा है, आप इसे हमेशा कायम नहीं रख सकते। योग प्रणाली इंसान में बुनियादी रूपांतरण लाती है – आखिरकार यही मायने रखता है।
जो लोग तर्क की सीमाओं तक ही सीमित रह जाते हैं, वे अस्तिव के असीमित आयाम से वंचित रह जाते हैं।
ईशा योग सिर्फ एक अभ्यास नहीं है – यह एक जीवंत प्रक्रिया है। जब आप इसे अर्पण के भाव से करते हैं, तो यह आपके अस्तित्व की बुनियाद को ही बदल देता है।
दूसरों की भलाई को खुद की भलाई से ऊपर रखना आपको एक अलग तरह की शक्ति देता है, एक ऐसी शक्ति जो आपको जीवन और उसके परे के आयामों को पार कराती है।
सफलता को हमेशा आर्थिक नजरिये से नापना जरूरी नहीं है। इसे जीवन की गुणवत्ता से नापना चाहिए।
जब आप कुछ करने की बहुत जल्दी में हों, तो बस कुछ सेकंड के लिए रुकिए – विवशता से चेतना की ओर बढ़ने के लिए बस इतना ही करना पड़ता है।
जब आपके भीतर ईर्ष्यार, जलन, और तुलना करने जैसी भावना नहीं होती, तब आप अपनी पूरी क्षमता वह सब करने में लगा सकते हैं, जिनको किए जाने की जरूरत है।