हर इंसान एक प्राण-प्रतिष्ठित स्थान में रहने का अधिकारी है, एक ऐसा स्थान जो आपको सांसारिक चीज़ों से परे जाने में मदद करता है।
अगर आप चाहते हैं कि आपका शरीर और मन अच्छी तरह से काम करे, तो पहली चीज यह है कि आप खुद से ही आनंद में रहें।
तमिल का नया साल एक नए मौसम की शुरुआत का प्रतीक है। मेरी कामना है कि सूरज के तीव्र होने के साथ ही आप अपने शरीर, मन और ऊर्जा को भी एक नए स्तर की तीव्रता प्रदान करें।
अस्तित्व पर भरोसा किए बिना आप यहाँ जीवित नहीं रह सकते। जागरूक होकर प्रेमपूर्वक भरोसा करना ही भक्ति कहलाता है।
कोई समाज सिर्फ तभी विकास कर सकता है, जब युवा पीढ़ी ऐसी चीज़ें करे, जिनके संभव होने की उनके माता-पिता ने कभी कल्पना भी नहीं की थी।
शान्ति को बाहर से जबरदस्ती थोपा नहीं जा सकता। हम अपने भीतर कैसे हैं, शांति उसी का नतीजा होती है।
आपको यह जानना होगा कि तर्क का इस्तेमाल कब करना है और कब नहीं। तर्क की दृष्टि से देखने पर जीवन की सारी खूबसूरत चीज़ें मूर्खतापूर्ण लगेंगी।
आपका शरीर और मन बस उन चीजों का संग्रह है, जो आपने इकट्ठा की हुई हैं। आप जो इकट्ठा करते हैं, वह आपका हो सकता है, लेकिन वह कभी ‘आप’ नहीं हो सकता।
मनुष्य के स्वभाव की एक मूल कमजोरी यह है कि अस्तित्व की मौलिक एकता के प्रति जागरूक हुए बिना, हम अपने मतभेदों को महिमामंडित करने की कोशिश करते हैं।
सफलता को चाहने मात्र से आप सफल नहीं हो जाते। आप सफल तब होते हैं, जब आप सही चीज़ें करते हैं।
मूल रूप से देखें तो असली स्वास्थ्य का मतलब है: प्रकृति के साथ तालमेल में होना – बाहरी और भीतरी प्रकृति, दोनों के साथ।
हालांकि स्रोत मिट्टी होती है, लेकिन उद्देश्य फूलों का खिलना होता है। इसी तरह से, हालांकि स्रोत ईश्वर है, लेकिन उद्देश्य जीवन है।
शिक्षा के लिए सिर्फ जानकारी की नहींए बल्कि प्रेरणा की भी जरूरत होती है । सिर्फ उत्प्रेरित लोग ही खुद अपनी और अपने आसपास की जिंदगियों को रूपांतरित कर सकते हैं।
गुरु कोई ऐसा व्यक्ति नहीं है, जो आपको रास्ता दिखाने के लिए मशाल लेकर खड़ा रहता है। वह खुद ही जलती मशाल है।
अपने शरीर और मन की सारी विवशताओं से ऊपर उठकर, अपने भीतर गहराई और स्पष्टता से देखिए – वो क्या चीज है जो आप वाकई करना चाहते हैं, और बस वही कीजिए।