15 Quotes / Sadhguru Hindi / Part 87

  • जीवन में संतुलन लाने का एक अहम पहलू है – प्रकृति के संपर्क में रहना। दूसरा पहलू है – शारीरिक रूप से खूब सक्रिय रहना।

  • कर्म का मतलब है कि अपने जीवन को बनाने वाले आप खुद हैं।

  • अगर आप अपने अभिमान, अपने अहंकार, और आत्म-प्रशंसा के भाव को कम करते हैं, तो आप कृपा के लिए उपलब्ध हो जायेंगे।

  • केवल एक बार इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक को बंद कर देना चाहिए। ये हमारी धरती है, इस धरती पर अभी समय हमारा है। आइए हम सही चीजें करें।

  • अगर आप एक ऐसी अवस्था में हैं, जहाँ आप पूरी जागरूकता में रिस्पान्ड करते हैं, तो कोई भी कठिनाई आपके लिए बाधा नहीं बनेगी।

  • जो इंसान अपनी भीतरी और बाहरी निश्चलता को नहीं छूता है, वह निश्चित रूप से कामकाजों में खो जाएगा।

  • जब लोग एक दूसरे को समझे बिना एक साथ रहते हैं, तो उनकी आत्मरक्षा की प्रवृत्ति के कारण हर चीज को लेकर लड़ाई होती है।

  • पैसा सिर्फ आपके आस-पास के माहौल को सुखद बना सकता है। यह भीतरी खुशी नहीं पैदा कर सकता।

  • अगर आप अपने काम में खुद को पूरी तरह समर्पित कर देते हैं, तो आप स्वभाविक रूप से भक्त बन जाते हैं।

  • जीवन इतना अगाध है कि बहुत कुछ समझाया नहीं जा सकता – इसे सिर्फ अनुभव किया जा सकता है।

  • आप अपनी हर सांस के साथ कब्र के करीब पहुंच रहे हैं। पर वो हर सांस जो आप ले रहें हैं, उसके साथ आप अपनी मुक्ति के करीब भी पहुंच सकते हैं।

  • ‘भगवान’ बस एक नाम है, यह उस चीज की ओर संकेत करता है, जो सभी सीमाओं से परे है।

  • विशुद्ध बोध का मतलब है स्पष्टता। पर कल्पना से रंगा हुआ बोध भ्रम पैदा करता है।

    प्रतिष्ठित स्थान बहुत ही बारीकी से तैयार किया गया एक पवित्र स्थान होता है। जो लोग अपने अन्दर खिलना चाहते हैं, उन्हें ऐसी जगह में रहना चाहिए।

  • जब तक आप अपने अस्तित्व के विशुद्ध आनंद को नहीं जानते, आपका जीवन अतृप्त रहता है।

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