15 Quotes / Sadhguru Hindi / Part 90

  • एक विशुद्ध आध्यात्मिक प्रक्रिया और आध्यात्मिक मनोरंजन में फर्क होता है। मैने तय कर लिया है कि मैं मनोरंजन के बिज़नस में नहीं उतरूंगा।

  • आपको कोई चीज कितनी भी प्रिय क्यों न हो, वह आपका अपना शरीर और जीवन ही क्यों न हो, जब वक्त आए, तब आपको यह पता होना चाहिए कि उसे सुंदर ढंग से कैसे विदा करना है।

  • आपको कोई चीज कितनी भी प्रिय क्यों न हो, वह आपका अपना शरीर और जीवन ही क्यों न हो, जब वक्त आए, तब आपको यह पता होना चाहिए कि उसे सुंदर ढंग से कैसे विदा करना है।

  • कोई नहीं चाहता कि कोई दूसरा उसे संभाले। पर हर कोई यह चाहता है कि उसे इन्क्लूड या शामिल किया जाय।

  • इंसान बहुत सारी चीजें डिज़ाइन कर सकता है। लेकिन अगर आप अपने ही जीवन के डिज़ाइनर बन जाते हैं, तो वो डिज़ाइन का सबसे महानतम रूप होगा।

  • स्थिर होकर बैठने के लिए सिर्फ अपने शरीर पर काम करना काफी नहीं है। आपको अपने मन, भावनाओं और ऊर्जा को भी ठीक करना होगा।

  • आप कुछ करते हैं या किसी को कुछ देते हैं – इसमें सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आप उसे वाकई प्रेमपूर्ण हृदय से करते हैं।

  • न किसी को पसंद करना है, ना ही किसी को नापसंद करना है – बस उनके साथ रहना है।

  • अगर आपका लक्ष्य परम मुक्ति है, तो आपकी हर सांस, हर कदम, और दिल की हर धड़कन को सचेतन घटित होना चाहिए।

  • कई लोगों का यह सपना होता है कि प्रेम में कोई शर्त नहीं होनी चाहिए। पर ऐसा नहीं है – हर रिश्ते में शर्तें होती हैं।

  • अगर आपको अपने आसपास के लोगों की परवाह है, तो आपको अपनी और अपने आसपास की हर चीज को सुंदर बनाने की कोशिश करनी चाहिए।

  • मन एक दर्पण की तरह है। अवतल दर्पण बढ़ा-चढ़ाकर दिखाता है। उत्तल दर्पण छोटा करके दिखाता है। एक समतल दर्पण आपको जीवन वैसा ही दिखाता है, जैसा वह है।

  • अगर आपका आंतरिक विकास होता है, तो घमंड नहीं होगा, कोई पूर्वाग्रह नहीं रहेगा। आप स्पष्ट और पूर्ण समझदारी से कार्य करेंगे।

  • अपनी पूर्ण क्षमता प्राप्त कर लेने जैसी कोई चीज नहीं होती। एक मनुष्य के तौर पर आपके अन्दर असीम संभावनाएं हैं।

  • जब आप अपने अतीत को अपने वर्तमान के अनुभव तय करने देते हैं, तो इसका मतलब है कि आपने अपना भविष्य नष्ट कर दिया है।

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