मिट्टी के साथ संपर्क में होना यह याद दिलाता है कि आपका शरीर भी बस मिट्टी ही है। इसे कभी मत भूलिए।
आपके जीवन का अनुभव इस बात पर निर्भर नहीं करता कि आपके आसपास कौन है या क्या है, बल्कि यह इस पर निर्भर करता है कि आप किस तरह से हैं।
किसी दूसरे को अपने एक हिस्से के रूप में शामिल करने की इच्छा ही प्रेम है। ये एक ऐसी संभावना है, जहाँ समावेश के जरिए आप जो अभी हैं, उससे अधिक हो जाते हैं।
आध्यात्मिक बनने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि आप पूरी जागरूकता में उस हद तक विकास करते हैं, जहां आप बाध्य होकर प्रतिक्रिया करना छोड़ देते हैं।
मेरे जीवन में एक भी सांस ऐसी नहीं है, जो मेरे गुरु की इच्छा न हो।
जहां पर ईमानदारी होती है, वहां भरोसा होगा। जहां पर भरोसा होता है, वहां सफलता का माहौल होगा।
एक नेता होने का मतलब हालात पर हावी हो जाना नहीं है। इसका मतलब है लोगों को वह करने के लिए समर्थ बनाना, जिसके संभव होने की उन्होंने कल्पना भी नहीं की होगी।
स्वयंसेवा करने का मतलब है इच्छुक बने रहना। निजी पसंदों-नापसंदों से परे जाकर हरदम इच्छुक बने रहना ही मुक्ति का मार्ग है।
एक प्राण-प्रतिष्ठित स्थान, अनुभव के जरिए आपको यह याद दिलाता है कि जितना आप सोचते हैं, जीवन उससे कहीं अधिक विशाल है।
ये मत सोचिये कि अध्यात्म का मतलब जीवन का अच्छा और शांतिपूर्ण होना है – इसका मतलब आग की ज्वाला में धधकना है।
एक प्रतिबद्ध इंसान के लिए असफलता जैसी कोई चीज नहीं होती – उसके लिए जीवन में सीखने के लिए बस सबक होते हैं।
भगवान की कल्पना इसलिए की गई क्योंकि लोगों के पास इस भव्य व विशाल सृष्टि को समझने व समझाने का कोई तरीका नहीं था।
विचारों या भोजन को अधिक मात्रा में लेने से सुस्ती आती है।
किसी भी पहलू के बारे में आप जितना ज्यादा जानते हैं, आप उसे उतना ही बेहतर संभाल सकते हैं। यह खुद पर भी लागू होता है। जब आप हर वो चीज जान जाते हैं, जिसे जानना है – तो वही आत्मज्ञान कहलाता है।