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सिर्फ वही इंसान प्रेम को जान सकता है और प्रेम बन सकता है, जो खुद को खो देने के डर से ऊपर उठ गया है।
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शिक्षा का मकसद आर्थिक मशीन के खाँचे में फिट बैठने वाले इंसान पैदा करना रहा है। शिक्षा के बारे में अपनी सोच को हमें इससे ऊपर ले जाने की जरूरत है।
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क्या आप अपने भीतर जहर पैदा कर रहे हैं या चैतन्य की खुशबू? चुनाव आपका है।
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शिक्षा का मकसद आर्थिक मशीन के खाँचे में फिट बैठने वाले इंसान पैदा करना रहा है। शिक्षा के बारे में अपनी सोच को हमें इससे ऊपर ले जाने की जरूरत है।
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अगर आप किसी को कुछ गलत करते हुए देखते हैं, तो उस कार्य की निंदा कीजिए, उस इंसान की नहीं।
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इस ब्रह्माण्ड में आविष्कार करने के लिए कुछ भी नहीं है – किसी न किसी रूप में, हर चीज पहले से ही मौजूद है। हम बस इसके अलग-अलग पहलुओं की खोज कर सकते हैं।
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मन एक ऐसी पहेली की तरह है, जिसके कई सारे भाग गायब हैं। इससे कोई मतलब निकालने की कोशिश करने का कोई मतलब नहीं है।
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विश्वास बस सांत्वना देता है। सत्य की खोज से ही समाधान निकलता है।
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इस अस्तित्व की प्रकृति ऐसी है कि अगर आप सही चीजें करते हैं, तो आपके साथ सही चीजें होंगी।
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विचारों से कहीं बहुत अधिक विशाल घटना है ये जीवन।
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बाहरी दुनिया की इंजीनियरिंग करने से आराम और सुविधा मिल सकती है। सिर्फ अपने भीतरी आयाम की इंजीनियरिंग करने से ही खुशहाली आ सकती है।
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आपके फसल की क्वालिटी और मात्रा का सीधा संबंध आपके द्वारा किए गए प्रयास की क्वालिटी और मात्रा से है।
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यह बिना बोध व समझ के अभिव्यक्त करने का दौर है। जीवन को जानने के लिए आपको बोध व समझ की जरूरत होती है।
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याद्दाश्त एक ट्रेडमिल की तरह होती है। ये आपको बहुत कसरत कराती है, पर कभी कहीं पहुंचाती नहीं है।
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आपकी जीवंतता, सक्रियता, जूनून और यहाँ तक कि आपका आनंद भी बस इस बात पर निर्भर करता है कि आपके अन्दर कितनी तीव्रता है।