15 Quotes / Sadhguru Hindi / Part 115

  • मेरी कामना है कि आपकी अनूठी आंतरिक प्रकृति अपनी पूर्णता में खिले और दुनिया में सुगंध और खूबसूरती बिखेरे। आप गुरु की असीम कृपा को अनुभव करें।

  • जिसके अंदर आगे बढ़ने की प्रबल इच्छा है, उसे यह सुनिश्चित करना होगा कि वह कृपा के प्रति ग्रहणशील है।

    भक्ति वो अवस्था है, जहां आपका अस्तित्व नहीं रह जाता, आप मिट जाते हैं; आपसे बस जीवन प्रवाहित होता है, एक खास मधुरता और खूबसूरती के साथ।

  • जब हम मौजूदा वस्तुस्थिति के आधार पर भविष्यवाणी करते हैं, तो हम परिस्थितियों को रूपांतरित करने की इंसानी क्षमता को पूरी तरह अनदेखा कर देते हैं।

  • अगर आपका हर काम उसके लिए है, जिसकी आप परवाह करते हैं, जिसकी आपको फिक्र है, तब आपको चाहे कुछ मिले या न मिले, आपका जीवन सुंदर बना रहता है।

  • प्रेम कोई सुविधा का साधन नहीं है। प्रेम खुद को मिटाने की प्रक्रिया है। प्रेम कोई सुविधा का साधन नहीं है। प्रेम खुद को मिटाने की प्रक्रिया है।

  • आप जो हैं, उसे आपने खुद ही बनाया है। जब आप ये समझ जाते हैं, तो कम से कम खुद को अपनी पसंद के अनुसार बनाएं।

  • यह जरूरी नहीं है कि उम्र के साथ आपका दिमाग कमजोर होने लगे। सरल योग-अभ्यास करके आप इसे बेहतर से बेहतर बना सकते हैं।

  • अगर आप भरपूर ध्यान दें, तो अस्तित्व में हर चीज अद्भुत है, हर चीज दिव्यता का द्वार है।

  • आपका इतिहास जानवरों का है। आपका भविष्य दिव्यता का है। फिलहाल, आप एक पेंडुलम की तरह इन दोनों के बीच झूल रहे हैं।

  • कोई भी इंसान, चाहे वो जो भी कर रहा हो, बिना कृपा के सफल नहीं हो सकता।

  • अगर दुनिया की बस एक प्रतिशत आबादी प्रतिबद्ध होकर खड़ी हो जाए, तो दुनिया से कम से कम भौतिक कष्टों को मिटाया जा सकता है।

  • जीवन को गहराई में अनुभव करना ही एकमात्र पवित्र कार्य है। आधा अधूरा जीवन जीना एकमात्र पाप है।

    मन समझ पैदा करने के लिए होता है, बकवास पैदा करने के लिए नहीं। इसे शीशे की तरह होना चाहिए, जो हर चीज को वैसी ही दिखाए, जैसी वो है।

  • डिग्रियां आपको सिर्फ प्रवेश दिलाती हैं। पर काबिलियत ही वो चीज है, जो अंत में काम आती है।

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