आध्यात्मिक प्रक्रिया का मतलब है कि आपका जीवन आपके भौतिक प्रकृति द्वारा नहीं चलाया जाता। जीवन की जो मूल प्रज्ञा है उसको अभिव्यक्त होने की जरूरत है।
पानी कोई खरीद-बिक्री का सामान नहीं है, बल्कि जीवन-निर्माण करने वाला तत्व है। आपके शरीर का दो तिहाई हिस्सा पानी है; इस सच्चाई के प्रति जागरूक रहना मनुष्य के जीवन को बनाए रखने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
बच्चे बुरे नहीं होते – सिर्फ उन पर पड़ने वाले असर बुरे होते हैं।
देश का सौभाग्य है कि मानसून लगभग सामान्य है, पर बारिश के दौरान संतुष्ट हो जाना और गर्मियों में निराश हो जाना – ये ठीक नहीं है। मानसून का आशीर्वाद पूरे साल मिलता रहे, इसका एकमात्र उपाय पेड़ और वनस्पतियाँ ही हैं।
जीवन समय का बस एक छोटा सा अंश है। अगर आप जीवन को कीमती समझते हैं, तो आपको हर चीज सही समय पर करनी होगी।
अगर आप केवल अपनी तार्किक बुद्धि का इस्तेमाल करते हैं, और बुद्धि व प्रज्ञा के दूसरे पहलुओं को अनदेखा कर देते हैं, तो आप जीवन में हर छोटी चीज को लेकर भ्रम में पड़ जाएंगे।
निश्चलता सबसे ऊँचे स्तर की तीव्रता है। जब आपके अंदर निश्चलता आती है, तब आपके शरीर, मन और ऊर्जाओं में ज़बरदस्त तीव्रता आ जाती है।
आप अपनी अटूट प्रतिबद्धता से बेहद अविश्वसनीय चीजें कर सकते हैं।
सिर्फ पैसा कमाने के बारे में मत सोचिए – अच्छी तरह से जीने के बारे में सोचिए। अच्छी तरह से जीने का सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि जिन चीजों की आपको वाकई परवाह है, आप उसे करते हैं।
कष्ट के डर से, आपके जीवन में जो ज़बरदस्त क्षमताएं और संभावनाएं हैं, वो नष्ट हो जाती हैं।
अगर कोई इंसान दिव्यांग है, तो उसे आपकी करुणा या दया की जरूरत नहीं है – उन्हें बस स्वीकृति चाहिए।
जब आपके अन्दर पीड़ा, दुःख या गुस्सा पैदा होता है, तो वह समय अपने भीतर झांकने का होता है न कि अपने चारों तरफ देखने का।
अगर आप हरदम यह याद रखते हैं कि आप नश्वर हैं, तो आप इस धरती पर शालीनता और समझदारी से चलेंगे।
कोई दूसरा आपसे जैसा होने की उम्मीद करता है, वैसा होने के लिए आपको प्रतिबद्ध होना जरूरी नहीं है। आप जैसा होना चाहते हैं, वैसा होने के लिए आपको प्रतिबद्ध होना चाहिए।
कावेरी इस भूमि के लिए जीवन का मूल स्रोत रही है। जंगलों से पोषण पाने वाली यह बारहमासी नदी, तेज़ी से मौसमी जल-धारा बनती जा रही है। पिछले 50 वर्षों में 87% पेड़ों को काट दिया गया है। अभी कदम उठाइए। एक पेड़ लगाइए।