बौद्ध धर्म भारत की श्रमण परम्परा से निकला धर्म और दर्शन है. इसके प्रस्थापक महात्मा बुद्ध शाक्यमुनि (गौतम बुद्ध) थे. वे 563 ईसा पूर्व से 483 ईसा पूर्व तक रहे. ईसाई और इस्लाम धर्म से पहले बौद्ध धर्म की उत्पत्ति हुई थी. दोनों धर्म के बाद यह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा धर्म है. इस धर्म को मानने वाले ज्यादातर चीन, जापान, कोरिया, थाईलैंड, कंबोडिया, श्रीलंका, नेपाल, भूटान और भारत जैसे कई देशों में रहते हैं:
(1) बौद्ध धर्म के संस्थापक थे गौतम बुद्ध. इन्हें एशिया का ज्योति पुंज कहा जाता है.
(2) गौतम बुद्ध का जन्म 563 ई. पूर्व के बीच शाक्य गणराज्य की तत्कालीन राजधानी कपिलवस्तु के निकट लुंबिनी, नेपाल में हुआ था.
(3) इनके पिता शुद्धोधन शाक्य गण के मुखिया थे.
(4) सिद्धार्थ के जन्म के सात दिन बाद ही उनकी मां मायादेवी का देहांत हो गया था.
(5) सिद्धार्थ की सौतेली मां प्रजापति गौतमी ने उनको पाला.
(6) इनके बचपन का नाम सिद्धार्थ था.
(7) सिद्धार्थ का 16 साल की उम्र में दंडपाणि शाक्य की कन्या यशोधरा के साथ विवाह हुआ.
(8) इनके पुत्र का नाम राहुल था.
(9) सिद्धार्थ जब कपिलावस्तु की सैर के लिए निकले तो उन्होंने चार दृश्यों को देखा:
(i) बूढ़ा व्यक्ति
(ii) एक बिमार व्यक्ति
(iii) शव
(iv) एक संयासी
(10) सांसारिक समस्याओं से दुखी होकर सिद्धार्थ ने 29 साल की आयु में घर छोड़ दिया. जिसे बौद्ध धर्म में महाभिनिष्कमण कहा जाता है.
(11) गृह त्याग के बाद बुद्ध ने वैशाली के आलारकलाम से सांख्य दर्शन की शिक्षा ग्रहण की.
(12) आलारकलाम सिद्धार्थ के प्रथम गुरू थे.
(13) आलारकलाम के बाद सिद्धार्थ ने राजगीर के रूद्रकरामपुत्त से शिक्षा ग्रहण की.
(14) उरूवेला में सिद्धार्थ को कौण्डिन्य, वप्पा, भादिया, महानामा और अस्सागी नाम के 5 साधक मिले.
(15) बिना अन्न जल ग्रहण किए 6 साल की कठिन तपस्या के बाद 35 साल की आयु में वैशाख की पूर्णिमा की रात निरंजना नदी के किनारे, पीपल के पेड़ के नीचे सिद्धार्थ को ज्ञान प्राप्त हुआ.
(16) ज्ञान प्राप्ति के बाद सिद्धार्थ बुद्ध के नाम से जाने जाने लगे. जिस जगह उन्हें ज्ञान प्राप्त हुआ उसे बोधगया के नाम से जाना जाता है.
(17) बुद्ध ने अपना पहला उपदेश सारनाथ में दिया जिसे बौद्ध ग्रंथों में धर्मचक्र प्रवर्तन कहा जाता है.
(18) बुद्ध ने अपने उपदेश कोशल, कौशांबी और वैशाली राज्य में पालि भाषा में दिए.
(19) बुद्ध ने अपने सर्वाधिक उपदेश कौशल देश की राजधानी श्रीवस्ती में दिए.
(20) इनके प्रमुख अनुयायी शासक थे:
(i) बिंबसार
(ii) प्रसेनजित
(iii) उदयन