ओशो के विचारों से आ सकती है वैचारिक क्रांति

ओशो की विचारधारा आधुनिक समय में प्रासंगिक है। उनके विचारों से वैचारिकी क्रांति लाई जा सकती है। उक्त बातें नगर के भीटी स्थित ह्वाइट पैलेस में रविवार को ओशो ध्यान शिविर का दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन करते हुए जिलाधिकारी चंद्रकांत पांडेय ने कहीं।
उन्होंने कहा कि इस तीन दिवसीय शिविर का आयोजन से योग और विचारों का आदान प्रदान होगा। कार्यक्रम के संचालक स्वामी रामावतार भारती ने कहा कि ओशो एक विचार धारा का नाम है।
यह नाम उन्होंने तब दिया जब उन्हें लोग भगवान की संज्ञा देने लगे। कहा कि उनके विचारों में वह क्रांति है जिससे पूरी मनुष्यता को सही रास्ते पर लाया जा सकता है।
ओशो ने काम पर अपना वैज्ञानिक दृष्टिकोण रखा और उसे समाधि तक पहुंचने का मार्ग बताया। कहा कि उनके द्वारा संभोग से समाधि की बात लेकर पूरे विश्व में बखेड़ा खड़ा हो गया और लोगों ने बिना उसे जाने समझे पढ़े ही बखेड़ा खड़ा कर दिया।
जब कि इस प्रवचन और किताब में ऐसा कुछ भी नहीं था । इस विषय पर उनका एक वैज्ञानिक तर्क है जो पूरी तरह से खरा है। कहा कि उन्होंने विभिन्न धर्मों के आडंबरों पर चोट की।
लोगों को जगाने को प्रेरित किया। उनका यह प्रयास आज सफल हो रहा है। आज उनके विचारों का वैश्वीकरण हो चुका है।

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