15 quotes / Sri Sri Ravishankar Hindi / Part 1

1. प्रेम कोई भावना नहीं है यह आपका खुद का अस्तित्व है।

2. मैं आपसे बताता हूँ आपके भीतर एक परमानंद का फव्वारा है प्रसन्नता का झरना है। आपके मूल के भीतर सत्य, प्रकाश, प्रेम है वहां कोई अपराध बोध नहीं है वहां कोई डर नहीं है। मनोवैज्ञानिकों ने कभी इतनी गहराई में नहीं देखा।

3. किसी को भी श्रद्धा यह समझाने में है कि आप हमेशा वो पा जाते हैं जिसकी आपको जरुरत होती है।

4. आप खुद आज भगवान का दिया हुआ एक उपहार है इसीलिए इसे प्रेजेंट कहते हैं।

5. मानव विकास के दो चरण हैं कुछ होने से कुछ ना होना और कुछ ना होने से सबकुछ होना। यह ज्ञान दुनिया भर में योगदान और देखभाल ला सकता है।

6. जब आप अपना दुःख बांटते हैं वो कम नहीं होता जब आप अपनी खुशी बांटने से रह जाते हैं वो कम हो जाती है। अपनी समस्याओं को सिर्फ ईश्वर से सांझा करें और किसी से नहीं क्योंकि ऐसा करना सिर्फ आपकी समस्या को बढ़ाएगा अपनी खुशी सबके साथ बांटें।

7. दूसरों की सुनो फिर भी मत सुनो अगर तुम्हारा दिमाग उनकी समस्याओं में उलझ जाएगा ना सिर्फ वो दुखी होंगे बल्कि तुम भी दुखी हो जाओगे।

8. जीवन ऐसा कुछ नहीं है जिसके प्रति बहुत गंभीर रहा जाए। जीवन तुम्हारे हाथों में खेलने के लिए एक गेंद है गेंद को पकड़े मत रहो।

9. हमेशा आराम की चाहत में तुम आलसी हो जाते हो। हमेशा पूर्णता की चाहत में तुम क्रोधित हो जाते हो हमेशा अमीर बनने की चाहत में तुम लालची हो जाते हो।

10. बुद्धिमान वो है जो औरों की गलती से सीखता है। थोडा कम बुद्धिमान वो है जो सिर्फ अपनी गलती से सीखता है। मूर्ख एक ही गलती बार बार दोहराते रहते हैं और उनसे कभी सीख नहीं लेते अपने अंदर सीखने की चाहत रखे।

11. एक निर्धन व्यक्ति नया साल वर्ष में एक बार मनाता है। एक धनी व्यक्ति हर दिन लेकिन जो सबसे समृद्ध होता है वह हर क्षण मनाता है।

12. आप अपने कार्य के पीछे की मंशा को देखो अक्सर तुम उस चीज के लिए नहीं जाते जो तुम्हे सच में चाहिए।

13. यदि तुम लोगों का भला करते हो तुम अपनी प्रकृति की वजह से करते हो।

14. मैं स्वर्ग से कितना दूर? आप अपनी आँखें खोलो और देखो तुम स्वर्ग में हो।

15. तुम दिव्य हो तुम मेरा हिस्सा हो मैं तुम्हारा हिस्सा हूँ।

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