भरोसा तुम्हे यह अहसास दिलाता है की तुमने हमेशा वह पाया जिसे तुमने चाहा।
ज्ञान एक बोझ है अगर यह आपको लूटता है।
ज्ञान एक बोझ है अगर यह आपको एक विचार प्रदान करता है कि आप बुद्धिमान हैं।
ज्ञान एक बोझ है, अगर यह आपको अहसास दिलाता है कि आप विशेष हैं।
ज्ञान एक बोझ है अगर यह जीवन में एकीकृत नहीं है।
ज्ञान एक बोझ है अगर यह जीवन में खुशी नहीं लाता है।
हम अपने गुस्से को क्यों नियंत्रित नहीं कर सकते? क्योंकि हम पूर्णता से प्यार करते हैं। अपने जीवन में अपूर्णता के लिए एक छोटा कमरा बनाये।
प्यार में गिरो नही, प्यार में उठो।
जो कुछ बीत गया उस पर गुस्सा करके कोई फायदा नहीं है। अगर कुछ कर सकते हो तो पहले वाली गलती दोबारा मत होने दो।
खुशी कल में नहीं है, यह हमेशा अब है।
समझदार वह है जो किसी और की गलतियों से सीखता है, कम बुद्धिमान वह है जो अपनी गलतियों से ही सीखता है और मूर्ख बार-बार एक ही गलती करता है और कभी भी उनसे नहीं सीखता।
तुम्हारे अंदर कोई भावना आई, अप्रिय भावना, और तुमने कहा, नहीं आनी चाहिए, ये फिर से नहीं आनी चाहिए। ऐसा करके तुम उसका विरोध कर रहे हो। जब तुम विरोध करते हो, वो कायम रहती है। बस देखो, ओह! उसकी गहराई में जाओ। नाचो, अपने पैरों पर खड़े हो और नाचो। मस्ती में रहो, मस्ती में चलो।
स्वयं अध्यन कर के, देख कर, खोखले और खाली होकर, तुम एक माध्यम बन जाते हो-तुम परमात्मा का अंश बन जाते हो। तुम देवत्त्व की उपस्थिति को महसूस कर सकते हो। सभी स्वर्गदूत और देवता, हमारी चेतना के ये विभिन्न रूप खिलने लगते हैं।
तो क्या अगर कोई तुम्हे पहचानता है: ओह, तुम एक शानदार व्यक्ति हो। तो क्या? उस व्यक्ति के दिमाग में वो विचार आया और गया। वह भी खत्म हो गया। वो विचार चला गया। हो सकता है कि कुछ दिन, कुछ महीने वो तुम्हारे प्रति आकर्षित रहे, तो क्या? वो भी चला जाता है, ये भी चला जाता है।
दूसरों को आकर्षित करने में काफी उर्जा बर्वाद होती है और दूसरों को आकर्षित करने की चाहत में-मैं बताता हूँ, विपरीत होता है।