15 quotes / Sri Sri Ravishankar Hindi / Part 8

  1. “इच्छा हमेशा “मैं” पर लटकती रहती है, जब हम मैं को त्याग देते हैं, तब इच्छा समाप्त वा औझल हो जाती है।” ~ श्री श्री रवि शंकर

  2. “हर एक चीज के पीछे तुम्हारा अहंकार है, मैं, मैं, मैं, मैं लेकिन सेवा में कोई मैं नहीं है क्योंकि यह किसी और के लिए करनी होती है।” ~ श्री श्री रवि शंकर

  3. “दूसरों को आकर्षित करने में काफी उर्जा बर्बाद होती है और दूसरों को आकर्षित करने की चाहत में – मैं बताता हूँ, विपरीत होता है।” ~ श्री श्री रवि शंकर

  4. “जब आप अपना दुःख बांटते हैं तो वह कम नहीं होता। जब आप अपनी ख़ुशी बांटने से रह जाते हैं, वो कम हो जाती है। अपनी समस्याओं को सिर्फ ईश्वर से साझा करें और किसी से नहीं क्योंकि ऐसा करना सिर्फ आपकी समस्या को बढ़ाएगा।”~ श्री श्री रवि शंकर

  5. “अगर तुम लोगो का भला करते हो तो यह तुम अपनी प्रकृति की वजह से करते हो।”~ श्री श्री रवि शंकर

  6. “तुम अलोकिक हो। तुम मेरा हिस्सा हो। मैं तुम्हारा हिस्सा हूँ।”~ श्री श्री रवि शंकर

  7. “प्यार का रास्ता कोई उबाऊ रास्ता नही है। बल्कि ये तो मस्ती का मार्ग है। ये गाने का और नाचने का सबसे अच्छा मार्ग है।”~ श्री श्री रवि शंकर

  8. “अस्वीकृति का मतलब अपने आप में ही सिमित रहना है।”~ श्री श्री रवि शंकर

  9. “कार्य करना और आराम करना जीवन के दो मुख्य अंग है। इनमे संतुलन स्थापित करने के लिए अपनी योग्यता का उपयोग करना चाहिये।“~ श्री श्री रवि शंकर

  10. “यदि आप खुद के दिमाग पर काबू पा सकते हो, तो आपमें पूरी दुनिया को जितने की काबिलियत है।”~ श्री श्री रवि शंकर

  11. “ज्ञान बोझ है यदि वह आपके भोलेपन को छीनता है।”~ श्री श्री रवि शंकर

  12. “ज्ञान बोझ है यदि वह आपके जीवन में एकीकृत नही है।”~ श्री श्री रवि शंकर

  13. “ज्ञान बोझ है यदि वह प्रसन्नता नही लाता।”~ श्री श्री रवि शंकर

  14. “ज्ञान बोझ है यदि वह आपको यह विचार देता है की आप बुद्धिमान है।”~ श्री श्री रवि शंकर

  15. “ज्ञान बोझ है यदि वह आपको स्वतंत्र नही करता।”~ श्री श्री रवि शंकर

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