मैं आपको बताता हूँ, आपके अन्दर एक परम आनंद का फव्वारा है, प्रसन्नता का झरना है। आपके मूल के भीतर सत्य, प्रकाश और प्रेम है, वहां कोई अपराध बोध नहीं है, वहां कोई डर नहीं है। मनोवैज्ञानिकों ने कभी इतनी गहराई में नहीं देखा
जीवन में ऐसा कुछ भी नहीं है जिसके प्रति बहुत गंभीर रहा जाए। जीवन तुम्हारे हाथों में खेलने के लिए एक गेंद की तरहहै । गेंद को पकड़े मत रहो
दूसरों को आकर्षित करने में काफी उर्जा बर्बाद होती है और दूसरों को आकर्षित करने की चाहत में – मैं बताता हूँ, विपरीत होता है
हमेशा आराम की चाहत में, तुम आलसी हो जाते हो। हमेशा पूर्णता की चाहत में, तुम क्रोधित हो जाते हो। हमेशा अमीर बनने की चाहत में, तुम लालची हो जाते हो
जिनमे कोई यह नही जानता की एक दोस्त कब दुश्मन बन जाये या दुश्मन कब दोस्त बन जाये। इसीलिए हमेशा खुद पर भरोसा रखे
बुद्धिमान वो हैं जो औरों की गलती से सीखता है। थोड़ा कम बुद्धिमान वो है जो सिर्फ अपनी गलती से सीखता है। मूर्ख एक ही गलती बार-बार दोहराते रहते हैं और उनसे कभी सीख नहीं लेते
दूसरों को सुनो फिर भी मत सुनो। अगर तुम्हारा दिमाग उनकी समस्याओं में उलझ जाएगा फिर ना सिर्फ वो दुखी होंगे बल्कि तुम भी दुखी हो जओगे
मानव विकास के दो चरण है – कुछ होने से कुछ ना होना, और कुछ ना होने से सबकुछ होना। यह ज्ञान दुनिया भर में योगदान और देखभाल ला सकता है
अपने कार्य के पीछे की मंशा को देखो। अक्सर तुम उस चीज को पाना नहीं चाहते जो तुम्हें सच में चाहिए
मै आपको बताता हु की, आपके मस्तिष्क के अलावा कोई भी दुसरी चीज़ आपको परेशान नही कर सकती। हा, भले ही आपको ऐसा दिखाई देंगा की दुसरे आपको परेशान कर रहे हो लेकिन वह आपका मस्तिष्क ही होंगा
भरोसा रखना कि वहाँ आपकी कमजोरी को दूर करने के लिए कोई बैठा है। ठीक है, आप एक बार सोते हो, दो बार, तीन बार। ये कोई मायने नही रखता, मायने तो सिर्फ आपका आगे बढ़ना रखता है। इसीलिए कमजोरियों की चिंता किये बिना ही सतत आगे बढ़ते रहे
कार्य करना और आराम करना जीवन के दो मुख्य अंग है। इनमे संतुलन स्थापित करने के लिए अपनी योग्यता का उपयोग करना चाहिये
हम अपने गुस्से को क्यों काबु में नही करते? क्योकि हमें पूर्णता से प्यार है। इसीलिए जीवन में थोड़ी सी जगह अपूर्णता को भी दे तभी आप अपने गुस्से पर काबू पा सकते हो
प्यार का रास्ता कोई उबाऊ रास्ता नही है। बल्कि ये तो मस्ती का मार्ग है। ये गाने का और नाचने का सबसे अच्छा मार्ग है
चाहत या इच्छा तब पैदा होती है, जब आप खुश नहीं होते, क्या आपने देखा है? जब आप बहुत खुश होते हैं तब संतोष होता है, संतोष का अर्थ है कोई इच्छा ना होना