असली सवाल है , तुम्हारी प्यास कितनी है।
प्यास खोजती है, पुकारती है।
प्यास के आगे तो अस्तित्व भी झुकता है।
अंधा विश्वास जहर है।
किसी पर अंधा विश्वास तो प्रमाण
तुम्हारी अपूर्ण प्यास का है।
अंधा विश्वास तो प्रमाण है
तुम्हारे आलसी होने का।
तुम किसी पर अंधा विश्वास इसलिए करते हो
क्योंकि तुम खोजना ही नही चाहते
तुम चाहते हो तुम्हे कोई पका पकाया
पोठली मेँ बांध कर दे दे
तुम मान लेते हो,
तुम भीतर जानना ही नही चाहते
खोजना ही नही चाहते…!
– ओशो