Osho Hindi

मनुष्‍य एक नहीं है, बहुत सी पर्त है।

मनुष्‍य की अशांति, मनुष्‍य के मन के भीतर निरंतर का द्वंद्व, तनाव, मनुष्‍य की बेचैनी और विक्षिप्‍तता, एक ही...